लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आएंगे। उससे पहले टीवी न्यूज चैनल्स पर एग्जिट पोल के नतीजे आते हैं। इन नतीजों पर न्यूज चैनल्स में डिबेट होता है। कांग्रेस पार्टी ने टेलीविजन चैनलों पर किसी भी लोकसभा एग्जिट पोल डिबेट में भाग नहीं लेने का फैसला किया है और कहा है कि वह टीआरपी के लिए अटकलों और गाली-गलौज में शामिल नहीं होना चाहती। कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि मतदाताओं ने अपना वोट डाल दिया है और उनका फैसला सुरक्षित हो गया है।
उन्होंने कहा, “नतीजे 4 जून को आएंगे। उससे पहले, हमें अटकलों में शामिल होने और टीआरपी के लिए खींचतान का कोई कारण नहीं दिखता।”
खेड़ा ने कहा, “मतदाताओं ने अपने मत दे दिया है एवं मतदान के परिणाम मशीनों में बंद हो चुके हैं। 4 जून को परिणाम सबके सामने होंगे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नज़रों में परिणाम घोषित होने से पहले किसी भी तरह के सार्वजनिक अनुमान लगा कर घमासान में भाग ले कर टीआरपी के खेल का कोई औचित्य नहीं है। किसी भी बहस का मक़सद दर्शकों का ज्ञानवर्धन करना होता है। कांग्रेस पार्टी 4 जून से डिबेट्स में फिर से सहर्ष भाग लेगी।”
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे पुरानी पार्टी द्वारा टेलीविजन चैनलों पर लोकसभा एग्जिट पोल की बहस का बहिष्कार करने की घोषणा के बाद कांग्रेस पर कटाक्ष किया।
शाह ने कहा, “यह कोई नई बात नहीं है कि कांग्रेस पार्टी कल एग्जिट पोल पर चर्चा का बहिष्कार कर रही है। कई समय से कांग्रेस अस्वीकार करने की स्थिति में रही है। पूरे चुनाव में ये प्रचार करते रहे कि हमारा बहुमत आने जा रहा है, अब उनको भी स्थिति पता है कि कल के चुनाव के बाद आने वाले एग्जिट पोल में इनकी प्रचंड हार होने वाली है। एग्जिट पोल कई समय से चल रहा है, हर बार वो हिस्सा लेते हैं लेकिन इस बार हार के कारण की व्याख्या ना कर पाने की स्थिति में वे इसका बहिष्कार कर रहे हैं। भाजपा ने भी कई चुनाव हारे लेकिन हमने कभी एग्जिट पोल का बहिष्कार नहीं किया। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में जो एग्जिट पोल होगा वो 400 पार के भाजपा के नारे को जमीन पर उतारने वाले नतीजे लेकर आएगा।”
https://x.com/AmitShah/status/1796569996036100488
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी कांग्रेस पार्टी के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे चुनाव जीतने की पुष्टि करार दिया। उन्होनें कहा, “सातवें चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर एग्जिट पोल में शामिल न होने का कांग्रेस का निर्णय इस बात की स्पष्ट पुष्टि है कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम स्वीकार कर लिए हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि कांग्रेस आम तौर पर उस समय चुनाव से बाहर हो जाती है, जब उसे नतीजे अपने पक्ष में आने की उम्मीद नहीं होती है, अगर उसे लगता है कि उसके पास कोई बाहरी मौका भी है तो उसे कोई अफसोस नहीं होता है। उनका पाखंड किसी को भी हजम नहीं होता।”
नड्डा ने कहा, “लेकिन, जो बात अधिक चिंताजनक है, वह दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति कांग्रेस की नापसंदगी है, जिसमें 960 मिलियन से अधिक आकांक्षाओं की भागीदारी देखी गई। जब भारतीय अपने नेता का चुनाव कर रहे थे, जो नई विश्व व्यवस्था में उनका नेतृत्व करेंगे, उनके जीवन में सुधार करेंगे, अवसर और समृद्धि लाएंगे, कांग्रेस उस संस्थागत प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए परिश्रमपूर्वक काम कर रही थी, जिस पर हमारे मजबूत लोकतंत्र की नींव टिकी हुई है। चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय, कांग्रेस ने हमारी बेहतर तरह से स्थापित चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए, बार-बार सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अपमानजनक मांगें की।”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “जब कांग्रेस जीतती है तो उसे ईवीएम या चुनावी प्रक्रिया से कोई शिकायत नहीं होती। हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना इसके ताजा उदाहरण हैं। लेकिन, जब उसे हार की उम्मीद होती है तो वह लगातार विलाप करती रहती है। न केवल कांग्रेस बल्कि उसका विस्तारित इको सिस्टम, जो भारत के हितों का शत्रु भी है, शोर मचाने के लिए एक साथ आ जाते हैं और हमारे संस्थानों और प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को कम करने के सभी प्रयास करते हैं। वे कहीं पर भी रुकते नहीं हैं। वे सर्वोच्च न्यायालय को निशाना बनाते हैं, उन न्यायाधीशों को निशाना बनाते हैं, जो उनकी पसंद के अनुसार फैसला नहीं देते हैं, उन पत्रकारों पर हमला करते हैं, जो उनके चीयरलीडर्स बनने से इनकार करते हैं, भारत के चुनाव आयोग को कलंकित करते हैं और डेटा एवं प्रक्रिया की अखंडता पर सवाल उठाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अब एग्जिट पोल का बहिष्कार करने का फैसला करके, वे कई पेशेवर एजेंसियों द्वारा किए गए अभ्यास को सवालों के घेरे में ला रहे हैं, जिन्होंने हजारों सहयोगियों के साथ यह सामने लाने के लिए काम किया है कि लोगों ने किसके लिए वोट किया है। क्या कांग्रेस का तर्क है कि यह एक बड़ी साजिश है, जिसमें लाखों मतदाता शामिल हैं और इसका उद्देश्य अगले कुछ दिनों तक कांग्रेस का मजाक उड़ाना है, जब 4 जून को वास्तविक चुनाव परिणाम सामने आएंगे ? भारत की सबसे पुरानी पार्टी को उस बच्चे की तरह व्यवहार करना शोभा नहीं देता, जिसका खिलौना छीन लिया गया है। विपक्ष के सबसे बड़े राजनीतिक दल से एक निश्चित स्तर की परिपक्वता की उम्मीद की जाती है।”
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अपील-
इस बीच, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और उम्मीदवारों से सतर्क रहने और ‘भाजपा के एग्जिट पोल से गुमराह न होने की अपील की है।
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती 4 जून को होगी। सात चरण के लोकसभा चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को और आखिरी चरण 1 जून को हुआ।