प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी के रूप में नामित किया जाना तय है। आप नेता मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि मामले में जल्द ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया जाएगा।
उच्च न्यायालय में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि आरोपियों द्वारा उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले की सुनवाई में देरी करने के लिए ”ठोस प्रयास” किये जा रहे हैं।
उत्पाद शुल्क मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
एजेंसी का आरोप है कि ‘साउथ ग्रुप’ द्वारा प्रदान की गई 100 करोड़ रुपये की “रिश्वत” में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल AAP द्वारा 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव अभियान के लिए किया गया था। एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घोटाले का ”किंगपिन” बताया।
प्रवर्तन निदेशालय ने मामले के संबंध में अब तक सात आरोपपत्र दायर किए हैं। सबसे नया आरोपपत्र 10 अप्रैल को दाखिल किया गया जिसमें बीआरएस नेता के कविता और चार अन्य को आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
इस मामले में 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल और 15 मार्च को कविता सहित अठारह लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
केजरीवाल को 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी।
पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किए गए मनीष सिसौदिया अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। सिसौदिया के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे सीबीआई और ईडी के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को शराब नीति लागू की, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।