केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच अपने हाथ में ले ली। जांच एजेंसी दुर्घटना की जांच शुरू करने से पहले दस्तावेज और बयान इकट्ठा करने की प्रक्रिया में लगी थी। सोमवार को सीबीआई की एक टीम ने बालासोर में ट्रेन दुर्घटना स्थल का दौरा किया था। दुर्घटना के सिलसिले में लापरवाही से मौत का कारण बनने के लिए ओडिशा पुलिस ने आईपीसी और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया है।
#WATCH | CBI official at the accident site in Odisha's Balasore, where the tragic #TrainAccident took place on June 2. pic.twitter.com/CJnpuizunJ
— ANI (@ANI) June 6, 2023
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को घोषणा की थी कि दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है।
ओडिशा पुलिस ने दुर्घटना के संबंध में पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की। भारतीय दंड संहिता की धारा 337, 338, 304ए (गैर-जमानती) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है और साथ ही अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के तहत कटक में सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है। बालासोर जीआरपीएस के एसआई पापु कुमार नाइक की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस एफआईआर में लापरवाही के कारण मौत और जीवन को खतरे में डालने के आरोपों के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
Odisha | FIR registered by Government Railway Police (GRP) in Cuttack under sections 153, 154 and 175 of the Railway Act against unknown persons in the Balasore train accident.
FIR was registered following a complaint by SI Papu Kumar Naik of Balasore GRPS pic.twitter.com/67vhxy3Iht
— ANI (@ANI) June 5, 2023
केंद्रीय जांच एजेंसी को इस सवाल का जवाब ढूंढना है कि यह रेल हादसा कैसे हुआ? क्या जानबूझकर सिस्टम में छेड़छाड़ की गई या किसी तरह की लापरवाही या दूसरे कारण से कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई।
रेलवे के टॉप अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की गई, जिसके कारण ट्रेन क्रैश हुआ। रेलवे की शुरुआती जांच में ‘मैनुअल टिंकरिंग’ यानी किसी शख्स के हाथ से की गई छेड़छाड़ पता चली है। बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के केबिन से इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ हो सकती है, यहीं से सिग्नलिंग की मॉनिटरिंग होती है। सूत्रों ने बताया है कि सीबीआई इस तरह के फुलप्रूफ सिस्टम के साथ छेड़छाड़ का मकसद पता करेगी।
#WATCH | Visuals from the accident site in Odisha's Balasore where CBI officials have arrived to investigate the accident.#BalasoreTrainTragedy pic.twitter.com/Y2K7Mpas4c
— ANI (@ANI) June 6, 2023
इससे पहले सोमवार देर शाम रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके लाहोटी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शीर्ष अधिकारियों को दुर्घटना की जांच समेत जमीनी स्थिति से अवगत कराया। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा, “किसी जानबूझकर हस्तक्षेप से बचने के लिए एक पेशेवर एजेंसी द्वारा गहन जांच की आवश्यकता है।” रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बालासोर में ट्रेन दुर्घटना वाली जगह पर थे और सोमवार शाम को ही दिल्ली वापस लौटे हैं।
रेल मंत्रालय ने रविवार को ओडिशा में तीन ट्रेनों – एक मालगाड़ी, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस से जुड़े रेल हादसे की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की थी। माना जा रहा है कि जांच जल्द ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की तरफ से अपने हाथ में ले ली जाएगी।
रेलवे ने ड्राइवर की गलती और सिस्टम की खराबी से इनकार किया है। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है।
ईस्ट-सेंट्रल रेलवे के डीआरएम रिंकेश रॉय ने बताया कि दुर्घटना में मरने वाले 278 लोगों में से 101 शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। लगभग 200 लोगों का इलाज ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है।
मालूम हो कि यह भीषण दुर्घटना तब हुई जब चेन्नई की ओर जा रही शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस बगल के ट्रैक पर रुकी हुई मालगाड़ी से जा टकराई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के पीछे के डिब्बे तीसरे ट्रैक से टकरा गए। कोरोमंडल के कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले कुछ डिब्बों से टकरा गए, जो उसी समय वहां से गुजर रही थी।