कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में उन्होंने संसद के सदस्य के रूप में अपनी हालिया अयोग्यता पर टिपण्णी की। राहुल ने कहा कि वह शायद पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें “मानहानि के लिए अधिकतम सजा” दी गई है।
राहुल गांधी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि जब मैं 2004 में राजनीति में शामिल हुआ था, तो मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश में कभी ऐसा देखूंगा, जो आज हो रहा है। मानहानि के लिए अधिकतम सजा पाने वाला मैं शायद पहला व्यक्ति हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ संभव है।”
Relive the captivating moments as Shri @RahulGandhi graced the stage at Stanford University for an unforgettable interactive session. pic.twitter.com/IbcaPQ3o8y
— Congress (@INCIndia) June 1, 2023
गांधी ने स्टैनफोर्ड में सभा को बताया कि सांसद के रूप में उनकी बर्खास्तगी ने उन्हें संसद में बैठने की तुलना में बड़ा अवसर प्रदान किया है। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “विपक्ष भारत में संघर्ष कर रहा है। बीजेपी ने संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। हम इसे लोकतांत्रिक तरीके से लड़ रहे हैं। हमारे देश में लोकतंत्र को लेकर एक जंग चल रही है। कोई भी संस्था काम नहीं कर पा रही है। लोकतंत्र का मतलब सिर्फ विपक्ष का होना ही नहीं होता है। लोकतंत्र का मतलब होता है कि संस्थाएं विपक्ष का साथ दें। लेकिन हमारे देश में संस्थाएं पूरी तरह से किसी और के हाथ में हैं। वो अपनी भूमिका नहीं निभा रही हैं। जब हमने देखा कि कोई भी संस्थान हमारी मदद नहीं कर रहा है, तो हम सड़कों पर उतर आए और इसलिए, भारत जोड़ो यात्रा हुई।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह घरेलू हालात से निपटने के लिए विदेशी मदद मांग रहे हैं, उन्होंने तुरंत टाल दिया। गांधी ने जोर देकर कहा, “मैं किसी से समर्थन नहीं मांग रहा हूं। मैं स्पष्ट हूं कि हमारी लड़ाई हमारी लड़ाई है, लेकिन हां, यहां भारत के युवा छात्र हैं। और मैं उनसे संवाद करना चाहता हूं और ऐसा करना मेरा अधिकार है।”
राहुल ने कहा कि भारत का बैंकिंग सिस्टम काफी सेंट्रलाइज्ड है और केवल टॉप के 15-20 लोगों तक ही इसकी पहुंच हैं। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि मैं नहीं मानता कि बीजेपी का विजन प्रोडक्शन को लीड कर सकता है। आपको सत्ता के डिसेंट्रलाइज करने की जरूरत है, आप इसे दिल्ली से नहीं कर सकते।
राहुल गांधी ने दावा किया, ”उन्होंने (प्रशासन ने) मुझसे कहा कि देखो अगर तुम कश्मीर जाओगे और 4 दिन पैदल चलोगे तो हो सकता है कि तुम मारे जाओ लेकिन मैंने उनसे कहा कि ऐसा हो जाने दो। मैं देखना चाहता था कि कौन मुझपर ग्रेनेड फेंकेगा। सुरक्षाकर्मी, प्रशासन के लोग मुझे देख रहे थे और मुझे उनका चेहरा देखकर ऐसा लगा कि वे समझ नहीं पाए कि मैं क्या कह रहा हूं? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दूसरे व्यक्ति के पास कितना बल है, लेकिन आपको जीवन में दृढ़ रहना होगा।”
चीन के मुद्दे पर उन्होंने कहा- हमारे कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। यह कठिन है। यह बहुत आसान नहीं है। भारत को इधर-उधर नहीं धकेला जा सकता। यह कुछ होने वाला नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम को भी लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए और “कुछ कठिन सवालों का जवाब देना चाहिए”।
राहुल गांधी का प्रधानमंत्री पर कटाक्ष उनके उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमे राहुल ने कहा था कि भारत ऐसे लोगों द्वारा चलाया जा रहा है जो सोचते हैं कि वे भगवान से अधिक जानते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “ऐसा ही एक नमूना” हैं।
कांग्रेस नेता ने चुटकी लेते हुए कहा था, “मुझे लगता है कि अगर आप मोदी जी को भगवान के बगल में बिठाते हैं, तो वह भगवान को समझाना शुरू कर देंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। और भगवान भ्रमित हो जाएंगे कि मैंने क्या बनाया है।”
गांधी प्रधानमंत्री के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। राहुल गांधी अभी अमेरिका दौरे पर हैं। इस दौरान वह भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेंगे और अमेरिकी सांसदों से मुलाकात करेंगे। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख पित्रोदा ने कहा था कि गांधी की यात्रा का उद्देश्य साझा मूल्यों को बढ़ावा देना और “वास्तविक लोकतंत्र” की दृष्टि है।