अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमिटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वो इस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई है कि अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में जोड़-तोड़ पर निगरानी रखने में शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी अपनी भूमिका को निभाने में असफल रहा है। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा ये जरुरी कि सभी जांच तय समय सीमा के भीतर पूरी कर लिया जाए।
कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जो आंकड़े सामने आए हैं उसके मुताबिक 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है और इस पूरे घटनाक्रम के दौरान केवल अडानी समूह के शेयरों में उठापटक देखी गई है। वैसे भारतीय शेयर बाजार में अडानी समूह के स्टॉक्स में उठापटक का असर नहीं देखा गया है।
Supreme Court appointed expert committee into the Adani -Hindenburg report informs SC that at this stage, taking into account the explanations provided by SEBI, supported by empirical data, prima facie, it would not be possible for the Committee to conclude that there has been a… pic.twitter.com/UGLtbpXmAE
— ANI (@ANI) May 19, 2023
होम बिजनेस अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट की कमिटी ने कहा, स्टॉक्स में हेरफेर को रोकने में सेबी की विफलता पर कुछ कहना मुश्किल है। कमिटी के मुताबिक सेबी 13 ऐसे संदिग्ध ट्रांजैक्शन की पहचान की है और इसकी जांच में ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है इस ट्रांजैक्शन में किसी प्रकार की धोखाधड़ी तो नहीं की गई है। कमिटी ने कहा कि सेबी इस बारे में जानकारियां जुटा रहा है और तय समय सीमा के भीतर जांच को पूरा कर लिया जाना चाहिए।
2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट की जांच करने और छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सेबी ( SEBI) के मौजूदा रेग्युलेटरी मैकेनिज्म की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में एक्सपर्ट कमिटी का गठन किय थाकमिटी ने कहा कि सेबी इस बारे में जानकारियां जुटा रहा है और तय समय सीमा के भीतर जांच को पूरा कर लिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ए एम सापरे के नेतृत्व में कमिटी का गठन किया गया था. इस कमिटी में आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व सीईओ रहे के वी कामथ, इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि, एसबीआई के पूर्व चेयरमैन ओ पी भट्ट, जस्टिस जे पी देवधर और सोमशेखर संदरेशन शामिल थेकमिटी ने कहा कि सेबी इस बारे में जानकारियां जुटा रहा है और तय समय सीमा के भीतर जांच को पूरा कर लिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस कमिटी से दो महीने में अपनी रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा था। कमिटी ने कहा कि सेबी इस बारे में जानकारियां जुटा रहा है और तय समय सीमा के भीतर जांच को पूरा कर लिया जाना चाहिए। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी द्वारा जमा किए गए रिपोर्ट को सभी पक्षों और उनके वकीलों को देने को कहा था।
बता दें कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अडानी की कंपनियों के शेयर अंडरवैल्यूड हैं। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड 7 प्रमुख कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूड हैं। हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद गौतम अडानी की नेटवर्थ में भारी गिरावट आई।