सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार के 8 मई के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें राज्य में ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी। राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए SC ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाध्य है। अदालत ने कहा, “सार्वजनिक असहिष्णुता पर प्रीमियम लगाने के लिए कानून का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, अन्यथा सभी फिल्में एक ही स्थान पर आ जाएंगी।”
Supreme Court stays the May 8 order of the West Bengal government banning the screening of the film ‘The Kerala Story’ in the State. pic.twitter.com/X4evAfOK45
— ANI (@ANI) May 18, 2023
शीर्ष अदालत का यह आदेश ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माताओं द्वारा पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के कुछ दिनों बाद आया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बैन को लेकर फिल्म के प्रोड्यूसर्स की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था।
CJI ने टिप्पणी की कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट के मामले पर हम गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि थिएटर को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य सरकार का काम है। अब फिल्म को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि फिल्म को असली जैसा प्रोजेक्ट किया गया है और डिस्क्लेमर में कुछ और है। ऐसा नहीं किया जा सकता। इसपर CJI ने फिल्म के प्रोड्यूसर के वकील हरीश साल्वे से पूछा कि यह 32000 के आंकड़े को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। इसके बारे मे बताइए… साल्वे ने कहा कि कोई प्रामाणिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि घटनाएं हुई हैं। यह विवाद का विषय नहीं है। इसके बाद CJI बोले, ‘लेकिन यहां फिल्म कहती है कि 32000 महिलाएं गायब हैं… एक डायलॉग है इसमें।’ साल्वे ने जवाब दिया कि हम डिस्क्लेमर में ये दिखाने के लिए तैयार है कि कोई प्रामाणिक डेटा इसपर उपलब्ध नहीं है।
प्रोड्यूसर की तरफ से हरीश साल्वे ने कहा कि फिल्म के टीजर, जिसमें 32000 लड़कियों को निशाना बनाए जाने वाली बात थी, उसे हटा लिया गया है।
अदालत ने कहा, “फिल्म केरल और तमिलनाडु दोनों में दिखाई जाएगी। फिल्म निर्माताओं को यह कहते हुए एक डिस्क्लेमर लगाने की जरूरत है कि कहानी काल्पनिक है और 32,000 के आंकड़े का कोई सबूत नहीं है।”
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के इस आश्वासन को रिकॉर्ड में लिया कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रतिबंध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि हर सिनेमा हॉल में पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए और फिल्म देखने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।
Supreme Court takes on record the assurance of Tamil Nadu that there is no direct or indirect ban on the film 'The Kerala Story'. Supreme Court directs adequate security should be provided in every cinema hall & requisite arrangements shall be made to ensure the safety of… https://t.co/udcR1yNOjm
— ANI (@ANI) May 18, 2023
इससे पहले शुक्रवार (12 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की थी। अदालत ने कहा था, “केरल स्टोरी बंगाल में क्यों नहीं रिलीज हो सकती? क्या यह कलात्मक स्वतंत्रता के बारे में है? फिल्म देश के बाकी हिस्सों में चल रही है।”
इससे पहले, मिजोरम के पूर्व महाधिवक्ता और वरिष्ठ टीएमसी नेता बिस्वजीत देब ने कहा था कि ‘केरल स्टोरी’ को पश्चिम बंगाल सिनेमा विनियमन अधिनियम, 1954 की धारा 6 के अनुसार प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर फिल्म हिंसा को उकसाता है तो उसे स्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है।