सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की। अदालत ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “द केरल स्टोरी बंगाल में रिलीज क्यों नहीं हो सकती? क्या यह कलात्मक स्वतंत्रता के बारे में है? फिल्म देश के बाकी हिस्सों में चल रही है।” अदालत ने कहा, “पश्चिम बंगाल देश के अन्य हिस्सों से अलग नहीं है।”
दरअसल ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगे प्रतिबंध और तमिलनाडु में प्रतिबंध को हटाने की मांग की थी। प्रतिबंध को लेकर फिल्म के निर्माताओं की याचिका पर अदालत ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु को नोटिस जारी किया। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले की सुनवाई अब 17 मई को होगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया था। साल्वे ने कहा कि याचिका पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंध और तमिलनाडु में “वास्तविक” प्रतिबंध को चुनौती देती है क्योंकि फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघरों को धमकी दी जा रही है। याचिका के जवाब में, पीठ ने तमिलनाडु सरकार से “द केरल स्टोरी” प्रदर्शित करने वाले थिएटरों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए किए गए उपायों को निर्दिष्ट करने के लिए कहा।
पीठ ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वकील अमित आनंद तिवारी से कहा, “राज्य सरकार यह नहीं कह सकती कि जब सिनेमाघरों पर हमला किया जाता है और कुर्सियों को जलाया जाता है तो वह दूसरी तरफ देखेगी।” पीठ ने कहा, ‘हम दोनों राज्यों को नोटिस जारी कर रहे हैं और वे बुधवार तक अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। हम मामले पर गुरुवार को सुनवाई करेंगे।’
मालूम हो कि 8 मई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने “घृणा और हिंसा की किसी भी घटना” का हवाला देते हुए राज्य में फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। वहीं तमिलनाडु में थिएटर और मल्टीप्लेक्स मालिकों ने कानून और व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए सिनेमा हॉल में स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे।
अदा शर्मा अभिनीत ‘द केरल स्टोरी’ 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे केरल की महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया गया और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा भर्ती किया गया। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करने वाले केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर 15 मई को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है।