एयर इंडिया के विमान के पायलट को विमान में उड़ान के समय कॉकपिट में एक महिला मित्र को साथ बैठाकर ले जाने को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है। यह घटना 27 फरवरी को हुई थी, जब फ्लाइट दुबई से दिल्ली जा रही थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा कि इस घटना ने सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया है।
डीजीसीए ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। पायलट को ड्यूटी से हटाया गया या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
इस मामले में एयर इंडिया ने कहा कि हमने शिकायत को गंभीरता से लिया है। इस मामले में AIR India भी जांच कर रही है। इतना ही नहीं, हमने डीजीसीए को भी मामले की सूचना दी है और उनकी जांच में सहयोग कर रहे हैं। हम अपने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर हुए खिलवाड़ को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। जांच में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले 18 अप्रैल को दिल्ली जा रहे एयर इंडिया के एक विमान के शीशे में दरार आने की आशंका के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर प्राथमिकता से उतरने के लिए कहा गया था। हालांकि विमान सामान्य रूप से उतरा। फ्लाइट ने पुणे से उड़ान भरी थी।
वहीं, इसी साल जनवरी में दिल्ली-हैदराबाद की स्पाइस जेट की फ्लाइट में महिला क्रू मेंबर से बदसलूकी का मामला सामने आया था। स्पाइस जेट सिक्योरिटी ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस भी दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी अबसार आलम को गिरफ्तार कर लिया था। स्पाइसजेट ने बताया था कि घटना 23 जनवरी की थी।
एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि उसी दिन, श्रीनगर जाने वाली स्पाइसजेट की एक उड़ान झूठी चेतावनी के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर लौट आई।
पिछले हफ्ते DGCA ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस साल मार्च के दौरान निर्धारित घरेलू एयरलाइंस द्वारा प्राप्त कुल 347 यात्रियों की शिकायतों में से अधिकांश में उड़ान की समस्याएं और सामान का मामला शामिल है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मार्च 2023 के लिए प्रति 10,000 यात्रियों पर शिकायतों की संख्या लगभग 0.27 रही है।
इसके अलावा, विमानन नियामक के अनुसार, कुल 38.6 प्रतिशत शिकायतें उड़ान संबंधी समस्याओं के बारे में थीं, जबकि 22.2 प्रतिशत सामान की समस्याओं से संबंधित थीं। रिफंड संबंधी समस्याएं महज 11.5 फीसदी थीं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, “रिफंड और स्टाफ व्यवहार संबंधी शिकायतों में पिछले तीन महीनों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। जनवरी में रिफंड से संबंधित शिकायतें 23.7 प्रतिशत घटकर 11.5 फीसदी रह गई हैं। इसी तरह स्टाफ व्यवहार संबंधी शिकायतें जो जनवरी में 8.9 प्रतिशत थीं 4 प्रतिशत पर आ गया है।”