उमेश पाल हत्याकांड में वांछित गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद का बेटा असद गुरुवार को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने झांसी में एक मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस ने असद पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इस मामले के एक अन्य आरोपी गुलाम के सिर पर भी 5 लाख रुपये का इनाम था। वह भी डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल के नेतृत्व में हुई मुठभेड़ में मारा गया।
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि टीम पिछले डेढ़ महीने से असद और गुलाम को ट्रैक कर रही थी। उन्होंने कहा कि वे आखिरी बार गुलाम को केवल पांच मिनट की देरी से चूक गए थे, लेकिन उन्होंने इस बार उसे सफलतापूर्वक झांसी में ढूंढ लिया, जहां मुठभेड़ में वह मारा गया।
असद और गुलाम एक बाइक पर थे जब पुलिस ने उन्हें रूटीन चेकिंग के लिए रुकने को कहा। वे नहीं रुके और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ की टीम ने उन पर जवाबी फायरिंग की और दोनों की जवाबी फायरिंग में मौत हो गई। मृतक के पास से कई अत्याधुनिक विदेशी हथियार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने अतीक अहमद के बेटे असद और गुलाम के पास से एक ब्रिटिश बुल डॉग रिवाल्वर और एक वाल्थर पिस्टल बरामद की है।
असद का एनकाउंटर उस दिन हुआ जब उसके पिता अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड में प्रयागराज में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में पेश किया गया। विशेष अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि असद और गुलाम दोनों के सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था। ये मुठभेड़ झांसी में परीक्षा बांध के पास हुई। पुलिस ने कहा कि दोनों मृतक इलाके में छिपे हुए थे और अतीक अहमद का एक करीबी सहयोगी उन्हें पनाह दे रहा था।
एनकाउंटर के बाद सीएम योगी ने राज्य की कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों और कानून का शासन बनाए रखने के उनके प्रयासों की प्रशंसा की। मुख्य सचिव गृह संजय प्रसाद ने मुठभेड़ की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री को दी। सीएम ने यूपी एसटीएफ, डीजीपी, स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर और पूरी टीम की सराहना की।
दूसरी ओर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी एसटीएफ की टीम को बधाई देते हुए ट्वीट किया, “अधिवक्ता श्री उमेश पाल और पुलिस कर्मियों के हत्यारों का यही हश्र होना चाहिए!”
यूपी STF को बधाई देता हूँ, श्री उमेश पाल एडवोकेट और पुलिस के जवानों के हत्यारों को यही हश्र होना था!
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) April 13, 2023
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के सहयोगी संजय निषाद ने भी अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर पर प्रतिक्रिया दी है। निषाद ने कहा, ‘यह सरकार की बड़ी जीत है।
वहीं इस एनकाउंटर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नीत यूपी सरकार फर्जी मुठभेड़ कर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने ट्वीट किया- ‘झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है’।
झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है।
भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 13, 2023
बता दें कि 2005 के तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीसीटीवी फुटेज में असद को असद और उसके गुर्गों पर हमला करते हुए देखा गया था। असद को उमेश पाल के सिर में गोली मारने की कोशिश करते देखा गया था। उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, असद, गुलाम व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या करने और पुलिस के साथ उनका पीछा करने के बाद असद और गुलाम बाइक पर कानपुर चले गए। वहां से वे बस से नोएडा डीएनडी गए। वहां से उतरने के बाद कुछ लोगों ने उन्हें एक ऑटो में सवार होकर दिल्ली के संगम विहार ले जाने में मदद की। वे वहां 15 दिन तक रहे।