प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रयागराज में 15 परिसरों पर तलाशी ली है जिसमें भारी मात्रा में नकदी, विदेशी मुद्रा, और जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद से जुड़े लगभग 200 बैंक खातों और 50 शेल संस्थाओं से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए। तलाशी में भारतीय और विदेशी मुद्रा में 75 लाख रुपये की जब्ती हुई, जिसके बारे में संदेह है कि यह अतीक अहमद और उसके सहयोगियों की आपराधिक गतिविधियों द्वारा प्राप्त आय है।
तलाशी के दौरान, अतीक अहमद के करीबी सहयोगियों और फर्मों की कथित रूप से स्वामित्व वाली 100 से अधिक संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज पाए गए। इन संपत्तियों पर गैंगस्टर की बेनामी संपत्ति होने का संदेह है। ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी में 50 करोड़ से अधिक के नकद लेन-देन का भी खुलासा किया है।
ऑपरेशन के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि नकदी और संपत्ति आपराधिक गतिविधियों जैसे जबरन वसूली, जमीन हड़पने और अन्य अवैध तरीकों से अर्जित की गई थी। किसानों से आपराधिक धमकी देकर जबरन खरीदी गई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं।
ईडी ने जिन लोगों की तलाशी ली है उनमें अतीक अहमद के रिश्तेदार खालिद जफर, उनके वकील और सहयोगी सौलत हनीफ खान, उनके सहयोगी असद, वदूद अहमद, काली, मोहसिन, सीए सबीह अहमद, सीए आसिफ जाफरी, सीताराम शुक्ला (लेखाकार), और रियल एस्टेट डेवलपर्स- संजीव अग्रवाल और दीपक भार्गव शामिल हैं।
पिछले महीने प्रयागराज की एक अदालत ने बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक अहमद, हनीफ और दिनेश पासी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
इससे पहले ईडी ने 2021 में अतीक अहमद के खिलाफ चल रही धन शोधन मामले की जांच के तहत उसकी और उसकी पत्नी की आठ करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। उस समय भी जांच एजेंसी ने कई जगहों पर छापे मारे थे। ईडी ने कहा था कि उसकी जांच में पता चला है कि ”अतीक आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से काली कमाई करता था। वह सारा पैसा नगद लेता और इसे अपने और अपने रिश्तेदार के बैंक खातों में जमा कराता था।” जांच एजेंसी ने कहा था, ”ईडी ने यह भी पाया है कि अतीक और उसके रिश्तेदारों के बैंक खातों में विभिन्न कंपनियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा पैसा जमा कराया गया था। इन कंपनियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का संचालन अतीक के सहयोगी करते हैं।”
इस बीच, प्रयागराज पुलिस अतीक अहमद को लेकर बुधवार शाम करीब 6 बजे प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल पहुंची। उमेश पाल मामले में कोर्ट की सहमति के बाद उसे पेशी वारंट के तहत कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया गया है। बुधवार को साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाने के दौरान अतीक अहमद ने मीडिया का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी वजह से वह सुरक्षित हैं। मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह डरे हुए हैं, उन्होंने जवाब दिया, “आप लोगो का शुक्रिया (आप सभी का धन्यवाद)।” गैंगस्टर ने कहा, “यह आपकी (मीडिया) वजह से है कि मैं सुरक्षित हूं।”
गैंगस्टर से उसके परिवार के ठिकाने और उमेश पाल हत्याकांड में उसकी संलिप्तता के बारे में भी पूछा गया, जिस पर उसने कहा, “मेरा परिवार बर्बाद हो गया है … मैं जेल में था। मुझे इसके बारे में क्या पता चलेगा?”
बता दें कि 28 मार्च को पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी। अतीक अहमद के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।