केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) को मौजूदा 38 प्रतिशत से चार प्रतिशत बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। संशोधित दर जनवरी 2023 से प्रभावी मानी जाएगी।
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 12,815.60 करोड़ रुपये होगा। इससे केंद्र सरकार के करीब 47.58 लाख कर्मचारियों और 69.76 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
इसको अगर सैलरी के मुताबिक देखें तो मान लीजिए कि यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी का बेसिक-पे 1,8000 रुपये है, तो 38 फीसदी के हिसाब से 6,840 रुपये का महंगाई भत्ता बनता है। वहीं अब डीए 42 फीसदी होने के बाद कर्मचारी का डीए बढ़कर 7,560 रुपये हो जाएगा। अधिकतम बेसिक-पे के हिसाब से देखा जाए, तो 56,000 रुपये के आधार पर महंगाई भत्ता 21,280 रुपये बनता है। अब इसमें चार फीसदी की बढ़ोत्तरी के हिसाब से देखा जाए, तो ये उछलकर 23,520 रुपये हो जाएगा। ऐसे में मिनिमम बेसिक सैलरी वाले कर्मचारियों को हर महीने 720 रुपये और सालाना 8,640 रुपये का लाभ होगा।
यह वृद्धि स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। सरकार ने पिछले साल सितंबर में महंगाई भत्ते में आखिरी बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जब डीए को 34 से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया गया था।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को महंगाई जैसी स्थिति से तालमेल बिठाने के लिए महंगाई भत्ता दिया जाता है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाली राशि के बराबर पेंशनभोगियों को भी महंगाई राहत मिलती है।