जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दावा किया है कि महात्मा गांधी के पास “एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री” नहीं थी। उन्होंने कहा कि, बहुत से शिक्षित लोगों को भ्रांति है कि गांधीजी के पास कानून की डिग्री थी, लेकिन हकीकत ये है कि उनके पास कोई डिग्री नहीं थी। सिन्हा ने कहा कि, महात्मा गांधी के पास सिर्फ हाईस्कूल डिप्लोमा की डिग्री थी। सिन्हा ग्वालियर में आईटीएम विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे और यह कहने की कोशिश कर रहे थे कि “डिग्री प्राप्त करना शिक्षा नहीं है”।
मनोज सिन्हा ने कहा- “कौन कहेगा कि गांधी जी अशिक्षित थे? मुझे नहीं लगता कि कोई ऐसा कह सकता है। शायद कम लोगों को मालूम है कि महात्मा गांधी के पास कोई लॉ की डिग्री नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैं आपको तथ्यों के साथ आगे बात करूंगा। कौन कहेगा कि महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी। मैं आपको बताऊंगा तो आपको आश्चर्य होगा कि उनके पास किसी यूनिवर्सिटी की कोई डिग्री नहीं थी। हम में से कई को लगता है कि महात्मा गांधी के पास लॉ की डिग्री थी, लेकिन सच ये है कि उनके पास लॉ की भी डिग्री नहीं थी। महात्मा गांधी के पास सिर्फ एक डिग्री थी और वो थी हाईस्कूल डिप्लोमा। उन्होंने लॉ में प्रैक्टिस करने के लिए क्वालिफाई जरूर किया था लेकिन उनके पास लॉ की कोई डिग्री नहीं थी। उसके पास कोई डिग्री नहीं थी, लेकिन देखिए कि वे राष्ट्रपिता बने। अब आप समझ सकते हैं कि राष्ट्रपिता कितने पढ़े लिखे थे। मैं आपके सामने इस बात को दोहराना चाहता हूं कि केवल डिग्री ही एजुकेशन नहीं है”।
#WATCH | J&K LG says, "…Misconception that Gandhi ji had a Law Degree. Did you know he didn't have a single University Degree? His only qualification was a High School Diploma. He qualified to practice Law but didn't have a Law Degree. He had no Degree but how educated he was." pic.twitter.com/2O3MkeZZhI
— ANI (@ANI) March 24, 2023
सिन्हा ने आगे कहा, “गांधी ने देश के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। लेकिन जो कुछ भी हासिल किया गया था, उसका केंद्र बिंदु सत्य था। उनके जीवन के तमाम पहलुओं पर गौर करें तो उनके जीवन में सच्चाई के अलावा कुछ भी नहीं था। चाहे कितनी भी चुनौतियाँ हों, महात्मा गांधी ने कभी भी सत्य का परित्याग नहीं किया और अपनी अंतरात्मा की आवाज को पहचाना। परिणामस्वरूप, वह राष्ट्रपिता बन गए”।
सिन्हा ने आगे कहा कि, आपने मार्क ट्वेन के बारे में सुना होगा…। हालांकि, मार्क ट्वेन पर सिन्हा की टिप्पणियों से पहले वीडियो समाप्त हो जाता है। बता दें कि सैमुअल लैंगहॉर्न क्लेमेंस, जिन्होंने कई पुस्तकों को लिखने के लिए पेन नाम मार्क ट्वेन का इस्तेमाल किया, उनके पास भी ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी। जब वह सिर्फ 12 साल के थे तब उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और खुद को सार्वजनिक पुस्तकालयों में शिक्षित किया।