राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में 19 नए जिलों और 3 नए मंडलों की घोषणा की और कहा कि यह निर्णय लोगों की मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। नए जिला निर्माण के प्रस्तावों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था और समिति की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा में घोषणा की गई है। इस फैसले की बीजेपी ने आलोचना की है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि ये निर्णय राजनीतिक हित में लिया गया है और राज्य को अब कई प्रशासनिक मुद्दों का सामना करना पड़ेगा।
अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में 19 नए जिले बना दिए गए हैं। तीन नए संभाग बनाए गए हैं। अब राजस्थान में 50 जिले और 10 संभाग होंगे। सरकार नए बने जिलों का 2 हजार करोड़ से विकास करेगी।
50 जिलों का हुआ राजस्थान
बढ़ती जनसंख्या एवं बड़े क्षेत्रफल की वजह से सरकार व आमजन को नए जिलों की आवश्यकता महसूस हो रही थी। एक बड़ा कदम उठा कर कांग्रेस सरकार ने आज 19 नए जिले बनाए हैं। प्रगति की गति अब दोगुनी होगी।#बचत_राहत_बढ़त pic.twitter.com/tOFOO5aicK
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 17, 2023
राजस्थान के नए जिलों में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, डुडु, गंगापुर सिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकरी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल, नीम का थाना, फलोदी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। इन नए जिलों के अलावा राज्य को तीन नए संभाग बांसवाड़ा, पाली और सीकर मिलेंगे।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने तो 19 नए जिलों की घोषणा कर दी है, लेकिन राज्य में कुल जिलों की संख्या 50 ही रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जयपुर को जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण में बांटा गया है, जबकि जोधपुर को जोधपुर पूर्व और जोधपुर पश्चिम में बांटा गया है। घोषणा में तीन नए संभागीय मुख्यालय बनाए गए हैं। सीकर, पाली और बांसवाड़ा। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन मुख्यालयों के अंतर्गत कौन से जिले काम करेंगे।
वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं सिर्फ उनके निजी राजनीतिक हितों को साधने का प्रयास है, जिसके लिए राजस्थान की समूची आर्थिक व्यवस्था दांव पर लगेगी। बीजेपी नेता ने कहा कि इस फैसले का परिणाम आने वाले वर्षों तक लोगों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नए जिलों की घोषणा में कई अहम चेहरों की अनदेखी की गई है और अब लोगों को प्रशासनिक पेचीदगियों का सामना करना पड़ेगा।
नये ज़िले बनाए जाने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। जिस कारण नये ज़िले बनने से होने वाली सुगमता के बजाय जनता को प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा। #Rajasthan
— Vasundhara Raje (मोदी का परिवार) (@VasundharaBJP) March 17, 2023
बता दें कि राजस्थान में आखिरी नया जिला 15 साल पहले वसुंधरा राजे ने बनाया था जब उन्होंने प्रतापगढ़ को जिला बनाया था।