उत्तर प्रदेश के खूंखार माफिया डॉन से पूर्व सांसद बने अतीक अहमद ने गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज शिफ्ट करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि 2005 के राजू पाल हत्याकांड के एक प्रमुख गवाह और उसके दो सुरक्षा गार्डों की गोली मारकर हत्या किए जाने के कुछ दिनों बाद उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने का डर है। मालूम हो कि उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद को आरोपी बनाया गया है। अतीक अहमद फिलहाल अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अतीक अहमद ने कहा कि उन्हें डर है कि उमेश पाल हत्याकांड में उनकी भूमिका की जांच के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ट्रांजिट रिमांड पर लिया जाएगा और एक मुठभेड़ में मार दिया जाएगा। उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
अतीक अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी के कई मंत्रियों द्वारा राज्य से ‘माफिया शासन’ को खत्म करने के बयान के बाद उसे यह आशंका हुई।
अतीक अहमद ने कहा कि अगर उसे यूपी लाया भी जाता है तो उन्हें केंद्रीय बलों की सुरक्षा दी जानी चाहिए। उसकी याचिका ऐसे दिन आई है जब एक भाजपा सांसद ने परोक्ष रूप से ऐसी संभावना की चेतावनी दी थी।
कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने ट्विटर पर गैंगस्टर विकास दुबे की 2020 में हुई मौत की घटना को याद करते हुए लिखा- “याद रखना, जब विकास दुबे नहीं बचा तो इन दरिंदों का क्या होगा, यह बताने की जरूरत नहीं है।” “और अगर अब अतीक की गाड़ी भी पलट जाए तो मुझे बिल्कुल आश्चर्य नहीं होगा।”
उमेश पाल की हत्या के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर माफिया (अपराधियों) को संरक्षण देने का आरोप लगाया था और कहा था कि ‘माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा’।
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में से एक अरबाज को मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद भाजपा मंत्री जेपीएस राठौड़ ने कहा कि सरकार ने अपराधियों के खात्मे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने अपराधियों को चेतावनी भी दी कि अगर वे पकड़े गए तो शोरगुल नहीं मचाना चाहिए क्योंकि उनका हश्र कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे जैसा हो सकता है।
बता दें कि एक दिन पहले अतीक अहमद का भाई अशरफ जो वर्तमान में यूपी के बरेली में एक जेल में बंद हैं, ने भी अदालत में सुनवाई के लिए या जेल स्थानांतरण के लिए जेल परिसर से बाहर ले जाने के खिलाफ अदालत का रुख किया था। उसने कहा था कि उसे डर है कि रास्ते में उसकी हत्या हो सकती है। अशरफ ने जेल परिसर में भी सुरक्षा की मांग की थी। इस बीच बुधवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अतीक अहमद के एक सहयोगी के घर को बुलडोजर से ढहाया। घर की कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये आंकी गई थी।