उत्तर प्रदेश में रोडवेज बसों का किराया बढ़ गया है। नई दरें आज से लागू हो चुकी है। किराया बढ़ाने का ये फैसला उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन प्राधिकरण (UPSRTC) द्वारा लिया गया है। बसों के किराये में करीब 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। राज्य परिवहन प्राधिकरण का कहना है कि ने डीज़ल के दाम बढ़ने की वजह से किराया बढ़ाया गया है। यूपीएसआरटीसी ने बताया है कि इससे पहले साल 2020 में बसों के किराये बढ़ाए गए थे। मालूम हो कि बसों मे इस बार किराये में 25 पैसे प्रति किलोमीटर का इजाफा किया गया है। अभी तक रोडवेज बसों का किराया 1.05 रुपये प्रति किलोमीटर था, जो अब बढ़कर 1.30 रुपये प्रति किमी हो गया है। बढे हुए किराये के बाद यूपी रोडवेज बसों में लखनऊ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को 125 रुपए ज्यादा देने होंगे।
खबर के मुताबिक़, ऑटो का किराया बढ़ाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिल गई है। परिवहन निगम के मुताबिक, बढ़ी हुई तेल की कीमत और ऑटो पार्ट्स रेट में बढ़ोत्तरी की वजह से नई दरों में इजाफा किया जाना है।
बीते 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक हुई थी, जिसमें रोडवेज बसों और ऑटो के किराए संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगी थी। परिवहन प्राधिकरण का कहना है कि किराया बढ़ाकर प्राधिकरण अपनी आय को बढ़ाना चाहता है ताकि, परिचालन लागत वहन किया जा सके और दिसंबर के अंत तक अपने बेड़े में लगभग 3,000 नई बसें और 2024 में 2,000 बसें जोड़ सके।
सामान्य बसों के किराये में बढ़ोतरी के साथ ही निगम की वातानुकूलित बसों के किराये में भी बढ़ोतरी की गई है। जनरथ बस 3×2 का किराया 163. 86 पैसे, जनरथ बस 2×2 का किराया 193.76 पैसे, वातानुकूलित स्लीपर बस का किराया 258.78 पैसे और वॉल्वों बसों का किराया 286.14 पैसे प्रति यात्री प्रति किलो मीटर हो गया है।
मालूम हो कि किराए में की गयी बढ़ोत्तरी के बाद भी उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का किराया उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र और हिमाचल जैसे राज्यों से कम है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों में प्रतिदिन 14 लाख यात्री सफर करते हैं। ऐसे में 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ने से रोडवेज की आय में आमदनी भी अच्छी होगी। एक अनुमान के मुताबिक, नया किराया लागू होने के बाद रोडवेज को करीब 30 करोड़ रुपए सालाना का मुनाफा होगा।