केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने देश की पहली नेजल वैक्सीन को लॉन्च किया। इस नेजल वैक्सीन iNCOVACC को भारत बायोटेक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर तैयार किया है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा। DCGI ने फिलहाल इंट्रा नेजल कोविड वैक्सीन को 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए मंजूरी दी है।
Proud to launch iNCOVACC®️, the world's 1st intranasal vaccine for COVID, along with Minister @DrJitendraSingh Ji, on #RepublicDay.
A mighty display of India's research & innovation prowess under PM @NarendraModi Ji's leadership.
Congratulations to @BharatBiotech for this feat! pic.twitter.com/DS9rm8wN9T
— Dr Mansukh Mandaviya (मोदी का परिवार) (@mansukhmandviya) January 26, 2023
केंद्र सरकार ने पिछले साल 23 दिसंबर को इस वैक्सीन की मंजूरी दी थी। सबसे पहले इस नेजल वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों को उपलब्ध कराया जाएगा। दिसंबर महीने में भारत बायोटेक ने बताया था कि यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रुपए में लगवाई जा सकेगी। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 800 रुपए देने होंगे। इस वैक्सीन के लिए भी Cowin पोर्टल से ही बुकिंग होगी।
नेजल वैक्सीन उसे कहते हैं जिसे नाक के जरिए दिया जाता है और इसलिए ही इसे इंट्रानेजल वैक्सीन भी कहा जाता है। इस इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC है। पहले इसका नाम BBV154 था। इस वैक्सीन की खासियत ये है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के ट्रांसमिशन दोनों को रोकने का काम करती है। इस वैक्सीन को इंजेक्शन से नहीं दिया जाता, इसलिए इन्फेक्शन का खतरा भी नहीं होता है।
अभी तक हुए तीन फेज के ट्रायल में iNCOVACC असरदार साबित हुई है। कंपनी ने फेज-1 के ट्रायल में 175 और दूसरे फेज के ट्रायल में 200 लोगों को शामिल किया था। तीसरे फेज का ट्रायल दो तरह से हुआ था। पहला ट्रायल 3,100 लोगों पर किया गया था, जिन्हें वैक्सीन की दो डोज दी गई थी। वहीं, दूसरा ट्रायल 875 लोगों पर हुआ था और उन्हें ये वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर दी गई थी। कंपनी का दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है। कंपनी के मुताबिक, इस वैक्सीन से लोगों के अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाफ जबरदस्त इम्युनिटी बनी है, जिससे संक्रमण होने और फैलने का खतरा काफी कम है।
बता दें कि वर्तमान में भारत में लग रही वैक्सीन के दो डोज दिए जा रहे हैं। दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेट व्यक्ति सुरक्षित माना जाता है। ऐसे में नेजल वैक्सीन 14 दिन में ही असर दिखाएगी। यह सिंगल डोज वैक्सीन है, इस वजह से ट्रैकिंग आसान है। इसके साइड इफेक्ट्स भी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन के मुकाबले कम हैं।