जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का 75 साल की उम्र निधन हो गया। शरद यादव की बेटी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले शरद यादव का जाना सभी को ग़मगीन कर गया है। उनकी समाजवाद वाली राजनीति ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया था। लेकिन अब उस महान नेता ने हम सभी को अलविदा कह दिया है। गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हुआ।
पापा नहीं रहे 😭
— Subhashini Sharad Yadav (@SubhashiniSY) January 12, 2023
फोर्टिस अस्पताल ने एक बयान जारी कर बातगय्हा है है कि शरद यादव को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था। उनमें कोई पल्स नहीं थी। प्रोटोकॉल के तहत उन्हें CPR दिया गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। रात 10.19 पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।
शरद यादव के जाने से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि शरद यादव जी के जाने से दुख हुआV एक लंबे राजीतिक जीवन में उन्होंने बतौर सांसद और मंत्री एक अलग पहचान बनाई। लोहिया के विचारों से वे काफी प्रेरित थे। मैं उनसे की हुई हर बातचीत को याद रखूंगा। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।
Pained by the passing away of Shri Sharad Yadav Ji. In his long years in public life, he distinguished himself as MP and Minister. He was greatly inspired by Dr. Lohia’s ideals. I will always cherish our interactions. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2023
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी शोक जताया है। बिरला ने कहा कि शरद यादव विलक्षण प्रतिभा वाले महान समाजवादी नेता थे. उन्होंने वंचितों-शोषितों के दर्द को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका निधन समाजवादी आंदोलन के लिए बड़ी क्षति है। परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
वरिष्ठ राजनेता, पूर्व सांसद शरद यादव जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। वे विलक्षण प्रतिभा वाले महान समाजवादी नेता थे जिन्होंने वंचितों–शोषितों के दर्द को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका निधन समाजवादी आंदोलन के लिए बड़ी क्षति है। परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
— Om Birla (मोदी का परिवार) (@ombirlakota) January 12, 2023
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं। कुछ कह पाने में असमर्थ हूं। माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई। दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है।
मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ। कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ।
माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई। दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 12, 2023
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा- पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव जी के निधन के बारे में जानकर स्तब्ध और पीड़ा हुई। वे एक अच्छे राजनेता थे जो लोगों की नब्ज समझते थे। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष श्री शरद यादव जी के निधन के बारे में जानकर स्तब्ध और पीड़ा हुई। वह एक अच्छे राजनेता थे जो लोगों की नब्ज समझते थे। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।
— Rajeev Shukla (@ShuklaRajiv) January 12, 2023
शरद यादव के बारे में जानें-
शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में हुआ था। शरद यादव की पढ़ाई के समय से ही राजनीति में दिलचस्पी रही और 1971 में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर शरद यादव ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में हिरासत में भी लिए गए। सक्रिय राजनीति में शरद यादव ने साल 1974 में कदम रखा था। वे पहली बार मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। वो जेपी आंदोलन का समय था और वह हल्दर किसान के रूप में जेपी द्वारा चुने गए पहले उम्मीदवार थे। शरद यादव तब जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे, उन्होंने जेल में रहकर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। उन्हें जयप्रकाश नारायण की पहल पर सभी विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार बनाया गया था। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़े सेठ गोविंद दास के बेटे रविमोहन दास को हराया था।
इसके बाद 1997 में वे जनता दल के अध्यक्ष बने. शरद यादव ने जेडीयू को जमीन पर मजबूत किया था और कई अहम राजनीतिक घटनाओं में एक सक्रिय भूमिका निभाने वाले रहे। शरद यादव वाजपेई सरकार और वीपी सिंह सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
शरद यादव ने 2018 में अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया था, जिसके बाद मार्च 2022 में उन्होंने अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय कर लिया था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि दो यादव एक साथ आ रहे हैं, शरद यादव और लालू यादव।
शरद यादव जेडीयू से सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे। इसके साथ ही वह 2003 में अपने गठन के बाद से साल 2016 तक जनता दल (यूनाइटेड) के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इसके बाद साल 2014 में राज्यसभा में निर्वाचित हुए थे। उस दौरान उन्होंने जेडीयू को जमीन पर मजबूत किया था। साथ ही कई राजनीतिक घटनाओं में एक सक्रिय भूमिका निभाने वाले नेता रहे। इसके अलावा शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक परचम लहराया था।