समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है। दरअसल, उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रासंफर करने की मांग की थी। आजम खान का कहना था कि यूपी में उनके खिलाफ जितने मुकदमे हैं उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाएगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है कि यूपी में आपको न्याय नहीं मिलेगा। कोर्ट ने सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि SC के दखल की कोई वजह नहीं दिखती। कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट जाकर केस को रद्द करने की मांग कर सकते हैं।
Supreme Court declines to entertain SP leader Azam Khan's plea seeking transfer of certain cases against him from Uttar Pradesh to another state. Court asks Azam Khan to approach the concerned High Court and directed that his petition may be taken up on an expeditious basis. pic.twitter.com/ckinmF6g3a
— ANI (@ANI) January 4, 2023
सुनवाई के दौरान कोर्ट में आजम खान की ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए। सिब्बल ने कोर्ट को बताया- ‘उनके खिलाफ यूपी में जितने मुकदमे हैं, ऐसा लगता है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। उनके खिलाफ 87 मामले दर्ज किए गए हैं। सभी मामलों को राज्य से बाहर ट्रांसफर किया जाए। यूपी में न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। हम इसलिए यहां आए हैं’।
इस पर CJI डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एसए नज़ीर और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि आज़म खान के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों को स्थानांतरित करने के लिए और अधिक ठोस कारणों की आवश्यकता है। बेंच ने कहा, ”जब हम (एक मामला) ट्रांसफर करते हैं, तो हमें इसके लिए कहीं अधिक ठोस कारणों की आवश्यकता होती है। माफ करें। हम आपको इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता दे रहे हैं। हाईकोर्ट इस याचिका पर जल्द सुनवाई करे।आप चाहे तो अपनी याचिका भी वापस ले सकते हैं।”
मालूम हो कि आजम खान को कोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा सुनाई हुई है। ये मामला साल 2019 का है जब देश में लोकसभा चुनाव हो रहा था। सपा नेता आजम खान ने उस वक्त एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आपत्तिजनक और भड़काऊ टिपण्णी की थी। उसके बाद BJP नेता आकाश सक्सेना ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दी थी। उस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आजम खान के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज किया। पुलिस की जांच के बाद मामला रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचा। रामपुर की स्पेशल कोर्ट ने 21 अक्टूबर को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी की और बाद में इस मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया और तीन साल की सजा सुनाई गई।
बता दें कि आजम खां के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई आपराधिक मामले दर्ज है। कुछ महीने पहले ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। आजम खान को बड़ा झटका तब मिला था जब एमपी एमएलए कोर्ट ने उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी और फिर बाद में हुए रामपुर उपचुनाव में पहली बार बीजेपी के आकाश सक्सेना को जीत मिली।