वाराणसी: लता मंगेशकर के निधन के बाद जैसे अंतर्मन तरंगों की गति धीमी हो गई है, कोई अपना पूरा जीवन कला साधना में बिता दे और उस साधना से मिला फल पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों के जीवन में समा जाए। लता जी की संगीत यात्रा भी ऐसे ही रही है। हम आज भी उनके गीतों को सुनकर रो देते हैं या झूम उठते हैं उनके गीत कभी देश भक्ति की चेतना जगाती है तो कभी अपनी मां की ओर खींच ले जाती है। ना जाने कितने प्रेमिल हृदयों को छुआ है, इनके गीतों ने। न जाने कितने गीत ऐसे हैं जिन्हें सुनते ही मन की गहराइयों में छुपा दर्द आंसू बन के निकल आता है, उन गीतों के साथ अपनी आत्मा को जोड़ दिया हो जैसे। आज उनके परलोक जाने के बाद भारतीय संगीत जगत के एक विशाल सूरज अस्त हो गया।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गंगापुर परिसर के ललित कला विभाग के विद्यार्थियों ने भारतरत्न लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सामूहिक रूप से चित्रकला कार्यशाला में उनके कृतित्व पर चित्र रचना कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस चित्रकला कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ० नंदू सिंह ने किया।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के माननीय कुलपति प्रो0 आनंद कुमार त्यागी कुलसचिव श्रीमती सुनीता पांडेय तथा वित्त अधिकारी श्री संतोष शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की और इस सांस्कृतिक आयोजन के लिए संयोजक सुमित घोष एवं आयोजन सचिव डॉ शशिकांत नाग एवं सह-संयोजक गौरव दूबे को विशेष शुभकामनाएं दी। समन्वयक जनसंपर्क डॉक्टर पुरुषोत्तम लाल विजय ने बताया की इस कार्यशाला में गंगापुर परिसर के ललित कला के लगभग 40 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया और लता मंगेशकर जी के व्यक्तिचित्र और कृतित्व पर आधारित चित्रों का निर्माण किया।
इस अवसर पर गंगापुर परिसर के सभी विषयों के अध्यापक व कर्मचारी गण उपस्थित थे।