ये कलियुग है, शास्त्रों के मुताबिक़ समय के चार कालखंडों में विभाजित याग युग सतयुग, त्रेता और द्वापर के बाद की अंतिम कड़ी है। कुछ लोगों ने इसे उलटबासियों का युग भी कहा है। मतलब यह कि असंभव से असंभव काम भी इस युग में संभव है। एक फिल्म के गीत को आधार मान कर इस युग की व्याख्या करें तो कह सकते हैं , ” रामचंद्र कह गए सिया से एक दिन ऐसा आएगा , हंस चुगेगा दाना – दुनका , कव्वा मोती खायेगा ” इस कलियुग में कुछ अपवाद भी देखे जा सकते हैं।
ऐसे ही कुछ अपवादों में एक अपवाद यह भी है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में विगत एक दशक और आगामी एक – दो दशक में ऐसे कई काम होने के दावे किए जा रहे हैं। जो आजादी के बाद के 6 से 7 दशक में भी नहीं किये जा सके थे। इन कार्यों को पीएम शक्ति नाम दिया गया है। आज विजया दशमी का पर्व है जिसे अन्याय पर न्याय की और असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। विजयादशमी से नौ दिन पाहले शक्ति की प्रतीक देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। देवी की शक्ति के प्रतीक इन रूपों – शैलपुत्री , ब्रह्मचारिणी , चंद्रघंटा , कुष्मांडा, स्कन्द माता, कात्यायिनी , कालरात्रि , महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा आश्विन माह की नवरात्रि के नौ दिन में की जाती है।
इसमें भी अष्टमी की पूजा का काफी अधिक महत्त्व माना जाता है। यह एक सुखद संयोग ही कहा जा सकता है कि नवरात्रि की अष्टमी यानी महागौरी की पूजा वाले दिन ही प्रधानमंत्री ने पीएम् शक्ति नामक एक ऐसी योजना की शुरुआत की है जो देश की आजादी के 75 वें साल में मील का पत्थर साबित होगी। गौरतलब है कि मौजुदा वर्ष देश की आजादी का 75वां वर्ष है। इसकी शुरुआत इस साल 15अगस्त को आजादी की सालगिरह के साथ हुई थी और यह सिलसिला अगली सालगिरह तक जारी रहेगा। देश की आजादी के इस वर्ष को अमृत महोत्सव का वर्ष भी कहा गया है।
यह कोई साधारण सरकारी योजना नहीं बल्कि एक ऐसा मास्टरप्लान है जो देश के बुनियादी ढाँचे को समन्वित रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेगा। कहा जा रहा है कि अगली पीढ़ी और बहुआयामी कार्यों को इस मास्टर प्लान से गतिशक्ति मिलेगी। इस मास्टर प्लान में एक केंद्रीकृत पोर्टल में विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों की सभी मौजूदा और नियोजित पहलों का विवरण शामिल होगा। अब परियोजनाओं के व्यापक नियोजन और निष्पादन के क्रम में महत्वपूर्ण डेटा का आदान – प्रदान करते हुए प्रत्येक विभाग को एक-दूसरे की गतिविधियों से अवगत रहने की सुविधा होगी। इसके माध्यम से विभिन्न विभाग विविध क्षेत्रों से संबंधित पारस्परिक व्यवहार के जरिए अपनी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने में सक्षम होंगे।
यह राष्ट्रीय मास्टर प्लान महत्वपूर्ण खामियों की पहचान के बाद विभिन्न परियोजनाओं की योजना बनाने में विभिन्न मंत्रालयों की सहायता करेगा। माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए, यह मास्टर प्लान समय और लागत की दृष्टि से अधिकतम उपयोगी मार्ग चुनने में मदद करेगा। आमतौर पर सरकार के अलग-अलग मंत्रालय और विभाग अक्सर एक – दूसरे से अलग – थलग होकर काम करते हैं। परियोजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वयन को लेकर उनके बीच समन्वय का अभाव होता है जिसके परिणामस्वरूप न केवल परियोजनाओं के पूरा होने में विलम्ब होता है बल्कि कई बार परियोजनाएं अधर में भी लटक जाती हैं । पीएम गतिशक्ति प्रत्येक विभाग की गतिविधियों के साथ-साथ शासन – प्रणाली की विभिन्न परतों के बीच काम का समन्वय सुनिश्चित करके उनके बीच समग्र रूप से सामंजस्य स्थापित करने में मदद करेगी।
यह मास्टर प्लान जीआईएस आधारित स्थानिक नियोजन एवं 200 से अधिक परतों वाले विश्लेषणात्मक उपकरणों के जरिए एक ही स्थान पर संपूर्ण डेटा प्रदान करेगा, जिससे कार्यान्वन से जुड़ी एजेंसी को अपना कामकाज करने में सहूलियत होगी।इस मास्टर प्लान के तहत काम होने से सभी मंत्रालय और विभाग अब जीआईएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से विविध क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति की परिकल्पना, समीक्षा और निगरानी करने में सक्षम होंगे, क्योंकि उपग्रह इमेजरी समय-समय पर धरातल पर होने वाली प्रगति की जानकारी देगी और उसके अनुरूप परियोजनाओं की प्रगति से संबंधित जाकारी को नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। यह कदम इस मास्टर प्लान को आगे बढ़ाने और उसे अपडेट करने से संबंधित महत्वपूर्ण उपायों की पहचान करने में मदद करेगा। इस कार्य योजना से अब यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि 21वीं सदी का भारत इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में कॉ-ऑर्डिनेशन में कमी की वजह से ना पैसे का नुकसान उठाए औऱ ना ही समय गंवाए। पीएम गति-शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत, रोड से लेकर रेलवे तक, एविएशन से लेकर एग्रीकल्चर तक, विभिन्न मंत्रालयों को, विभागों को, इससे जोड़ा जा रहा है। हर बड़े प्रोजेक्ट को, हर डिपार्टमेंट को सही जानकारी, सटीक जानकारी, समय पर मिले, इसके लिए टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म भी तैयार किया गया है। आज यहां कई राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यों के अन्य प्रतिनिधि भी जुड़े हैं। मेरा सभी से आग्रह है कि जल्द से जल्द आपके राज्य भी पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से जुड़कर अपने राज्य की योजनाओं को गति दें। इससे राज्य के लोगों का भी बहुत लाभ होगा।