प्रयागराज: किसान यूनिनों के आह्वान पर भारत बंद का प्रयागराज शहर में तो कोई असर नहीं रहा। जिले के ग्रामीण इलाकों में भी बाजारों में आवाजाही थी और सड़कों पर वाहन चल रहे थे। कुछ प्रतिष्ठानों के बंद रहने की भी खबर है। बंद का और किसानों का राजनीतिक पार्टियों ने भी पूरा समर्थन दिया। समाजवादी पार्टी ने शहर के सिविल लाइंस में आयोजित धरने में शिरकत की और सभा को तमाम सपा नेताओं ने सम्बोधित भी किया।
27 सितंबर को किसानों द्वारा भारत बंद का आवाहन किया गया था जिसका असर प्रयागराज में तो नहीं दिखा लेकिन किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रयागराज के कई स्थानों पर धरना प्रदर्शन करके अपना विरोध दर्ज कराया भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अनूज सिंह ने प्रयागराज के सुलेमसराय पर धरना देते हुए चक्का जाम किया।तो वहीं दूसरी ओर झलवा चौराहे पर भारतीय किसान यूनियन के युवा जिला अध्यक्ष सनी शुक्ला ने एक बयान में कहा कि जिस प्रकार प्रतापगढ़ में जनप्रतिनिधि पर लोगों ने अपना गुस्सा उतारा है आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की इससे बड़ी दुर्दशा होने वाली है इसलिए केंद्र सरकार जल्द से जल्द किसी कानून वापस ले और एमएसपी पर मूल निर्धारित करें।
किसानों के भारत बंद का समाजवादी पार्टी ने किया समर्थन
आज सिविल लाइंस में चल किसानों के बंद का समर्थन करने एवं धरने में शामिल हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता।इस दौरान पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे, सबीहा मोहनी, इमरान यूनुस, शामिल रहे। किसान बिल के समर्थन में सिविल लाइंस में किसान एकता मंच एवं अधिवक्ता साथियों के साथ मार्च किया गया।इस दौरान सभा भी हुई जिसमें डॉ. ऋचा सिंह ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां से 70 से 80% आबादी कृषि पर आधारित है स्वतंत्रता प्राप्त के बाद ही पहली बार है जब किसी सरकार ने काले कानून बनाकर किसानों के हितों पर संगठित हमला किया है।
डॉ ऋचा सिंह ने कहा कि सरकार को इतिहास से सबक लेना चाहिए जब जब कोई सरकार किसानों के हितों से टकरायी है, तब तब सरकारों ने उसका मुआवजा दिया है। जनता और किसान आगामी चुनाव में इसका सबक सत्ताधारी पार्टी को सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार काले कृषि कानूनों को वापस ले।