दिल्ली/ तक्षकपोस्ट की खबर पर फिर एक बार आज मुहर लगी। आज हमारी टीम फिर कसौटी पर खड़ी उतरी। कल तक्षकपोस्ट की विशेष रिपोर्ट में NCTE में फैले भ्रष्टाचार और लंबे समय से रमेश निशंक पोखरियाल के शह पर की जा रही उगाही, सिस्टम का फेल्योर और नई शिक्षा नीति के नाम पर सिवाय अपना प्रचार करने के कोई काम नहीं करने की खबर और मंत्रालय के छीने जाने की खबर लगी थी, आज इसकी पुष्टि हो गई।
इसी खुलासे में कल तक्षकपोस्ट की टीम ने शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था NCTE के जरिये करीब 40 करोड़ रुपये की उगाही और वहां पर निशंक के सहयोगी बनवारीलाल नटिया के द्वारा महिला के यौन उत्पीड़न से संबंधित खबर प्रकाशित की थीं। कल ही खबर में बताया गया था, निशंक की कुर्सी कभी भी छीनी जा सकती हैं। आज कैबिनेट के विस्तार के नाम पर इसपर मुहर लगी। क्योंकि लगातार सवालों के घेरे में गिरी केंद्र सरकार को अपनी फटी हुई इज्जत भी सिलनी है इसलिए इससे बढ़िया अवसर तो हो ही नहीं सकता था।
शिक्षा मंत्रालय में व्यवस्था इतनी लचर और भ्रष्टाचार में डूबी बन गई थी, जिसे देखने पर हैरानी होती हैं। अधिकारी हो या संस्थान हर मनमानी और पैसों की उगाही के अलावा कुछ नहीं चल रहा था, प्रधानमंत्री कार्यालय को भी ऐसे शिकायतों का अंबार मिल रहा था। लंबे समय से चल रहे ये भ्रष्टाचार अब आलोचना का कारण बन रहे थें। ऐसे में ये फैसला चुनाव के साथ साथ अपनी साख बचाने के लिए भी जरूरी था।
इसका उदाहरण फरवरी में तक्षकपोस्ट के भारतीय वायु सेना से जुड़े रक्षा सौदों में आरोपी को कुलपति बनाने के साथ-साथ IIT जैसे विश्वसनीय संस्थानों में बिठाया जाना भी सवालों के घेरे में था। लगातार हमारे द्वारा इसका खुलासा किया जा रहा था। कही ना कही इसी दबाव में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के चुनाव में आरोपी प्रोफेसर के बॉयोडाटा का पाया जाना इस बात का सबूत था कि मंत्रालय का काम करने का तरीका क्या है , और कैसे देश और शिक्षा व्यवस्था को परे रखकर आरोपियों को पद से नवाजा जा रहा था।
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निशंक ने पिछले बार बड़ी मेहनत से अपनी कुर्सी बचाई थी। पर इससे इनकार नहीं कि शिक्षा मंत्रालय को नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला जो शिक्षा के स्तर को सुधारने का काम कर सके। पिछली बार ईरानी का कार्यकाल हो, या फिर जावड़ेकर के बहाने देश भर से पैसा इकट्ठा करना चुनाव 2019 की तैयारियों के लिए। इस बार निशंक के द्वारा राम मंदिर के नाम पर पैसों की उगाही, टेक्स्ट बुक में घटिया कंटेंट, या CBSE के बच्चों से जबरन वीडियो बनवाकर प्रधानमंत्री के गुड बुक में आने की कोशिश जो बाद में भारी पड़ गई, मंत्रालय को नोटिस इशू करके वीडियो डिलीट करने का आदेश दिया गया।
देर आये दुरुस्त आये , लगातार हमारी खबरों को संज्ञान में लाने के बाद आज हमारी थोड़े समय मे जो साख बनी है उसको केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री की अगुवाई में सही साबित किया। फिर एक बार तक्षकपोस्ट की खबरें सही साबित हुई।