वाराणसी/ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में जैसे घोटालों की बाढ़ ही आ गई है, भ्रष्टाचार में कितनी प्रगति कर ली है स्थानीय कॉलेज के प्रबंधक ने जैसे कैंपस राम भरोसे है, बात आज फिर गंगापुर कैंपस से निकली है, विगत पिछले साल से ये कैंपस और इसके प्रबंधक डॉ योगेंद्र सिंह की कारगुजारियों से सहम सा गया है। बच्चें विद्यालय पढ़ने आते है जहाँ उनका चरित्र निर्माण होता है और ये तब संभव होता है जब अध्यापक अपनी जिम्मेदारी को समझे और उसका ठीक से पालन करें। लेकिन यहाँ तो चोरी और अपनी जेब भरने की सनक है तो पढ़ाई कैसे हो !!!
लेकिन इस बार तो शिक्षा को नुकसान और भ्रष्टाचार करने के लिए जब सहारा ही किताबों का कोई ले ले तो क्या कहना। जी आप सही समझे गंगापुर कैंपस में किताबों की खरीद के नाम पर करीब 40 लाख का घोटाला किया गया है। जिसकी जानकारी आज छात्रों ने नए आये कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी को व्यक्तित्व रूप से लिखित में शिकायत देकर की है।
आरोप है गंगापुर कैंपस के डायरेक्टर डॉ योगेंद्र सिंह ने लाइब्रेरी लाने के नाम पर किताबें खरीदवाई इन किताबों के लिए 40 लाख का भुगतान विश्विद्यालय से करवाया गया, पर वास्तविक रूप से लाइब्रेरी में किताबें जो हालफिलहाल उपलब्ध है उसकी कीमत शायद 10 के आसपास हो ऐसा कैंपस के छात्रों का कहना है जिसे आज उन्होंने कुलपति को लिखित में ज्ञापन देकर जांच करने की मांग की है। छात्रों का आरोप है कि किताबें खरीदने के नाम पर फ़र्ज़ी रसीद और अधिक मूल्यों का इंडेक्स बनवाया गया। जो गहरे भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है। इससे पहले आज रिटायर हुए रजिस्ट्रार साहेब लाल मौर्य और पूर्व कुलपति ने मिलकर परीक्षा सामग्री खरीद में करोड़ो रूपये का घोटाला किया था जिसकी शिकायत दिल्ली शिक्षा मंत्रालय से लेकर राष्ट्रपति महोदय तक कि गई थी। इस कहानी को भी तक्षकपोस्ट ने उजागर किया था।
इसी योगेंद्र सिंह पर छात्र निधि और संविदा शिक्षकों का हक मारने का भी आरोप है, सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है कि उन्होंने 30 जून को जिन शिक्षकों का सेवा विस्तार होना था, उनकी फ़ाइल और जरूरी कागज़ी कार्रवाई तक पूरी नहीं करवाई ना कुलपति के पास फ़ाइल भेजा। बल्कि अपने काम को ठीक ना करके दिल्ली की सैर पर निकल गए है।
योगेंद्र सिंह को इनकी चमचागीरी के चक्कर में पूर्व कुलपति त्रिलोकीनाथ सिंह ने विश्विद्यालय की तरफ से कुलपति के लिए इस्तेमाल में ली जाने वाली एम्बेसडर कार तक दे दी जिसपर कुलपति लिखा है, देखा जाये तो ये कुलपति के प्रोटोकॉल के विरुद्ध हैं। पर त्रिलोकीनाथ सिंह और योगेंद्र सिंह ने मिलकर साथ में महिलाओं के शोषण के अलावा पैसों का खूब भ्रष्टाचार किया है। कायदे से अगर मौजूदा कुलपति महोदय चाहे तो जांच करवा लें कि विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के लिए आये पैसों में कितनी हेरफेर हुई है और कितना कैसे इनलोगों ने प्रशासन को चूना लगाया है एक साथ मिलकर।
इस मिली भगत के कारण ही गंगापुर कैंपस की गेस्ट टीचर के यौन और मानसिक शोषण में अभी तक डॉ योगेंद्र सिंह और सर्वेश को कैंपस से स्थानन्तरित नहीं किया गया ना महिला शिक्षक को न्याय मिला उसके पिता जीवन और मृत्यु की जंग लड़ रहे है पिछले तीन महीने से।।
वाह रे बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सरकार और प्रशासन।।।