प्यार देश, समाज और उसके बनाये नियमों को नहीं मानता क्योंकि ये शुद्ध रूप से केमिकल लोचा हैं। जब आप किसी की तरफ खिंचते है तो ये कमाल ऑक्सीटोसिन, हार्मोन्स, के कारण होता है ये जिम्मेदार होता है आपको प्यार में रोमांटिक बना कर राज और सिमरन बनाने के लिए। आपका दिमाग लगातार आपके दिल को बताता रहता है कि सामने वाला आपके लिए बना है और आपके लिए सेफ हैं।
ये तो हुई हार्मोन्स की बात पर प्यार में ये तो शुरुआती लक्षण है , जो समय के साथ आगे बढ़ता रहता है। बहुत सारी ऐसी बातें है जिनका ध्यान अच्छे और स्वस्थ रिश्तों में अपनाना जरूरी है। दो लोग जब एक जैसी सोच और स्वभाव के होते है तो रिश्ते लंबे चलने की संभावना ज्यादा होती हैं। लेकिन कुछ मामलों में ऐसा नहीं है लोग झटपट शादी और बंधन में बंध जाते है बिना एक दूसरे को ठीक से समझे और पहचाने समय के साथ रेड फ्लैग और दूसरी बातें निकलकर आपके स्वास्थ्य को जब प्रभावित करने लगे तो आप समझ जाइये की आप एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में है। ऐसे संबंधों को जितना जल्दी हो सके खत्म कर देने में ही भलाई हैं।
आइये देखे ऐसे कौन से अनछुये पहलू है जिनपर बात जरूरी है-
Compatible या समानता-
एक रिश्ते में दो लोग जब आते है तो उन्हें एक दूसरे के अनुकूल होना चाहिए। रिश्ते में कलह और गलतफहमी की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। एक जैसी कुछ करने की सोच, खानपान, समान पृष्ठभूमि वाले लोग काफी सफल माने जाते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो मुश्किलें शुरू हो जाती हैं।
Communication–
दुनिया में हर रिश्तें में स्वस्थ बातचीत और एक दुसरे की केयर में बोलना और सुनना बेहद जरूरी हैं सभी प्रकार के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है चाहे वह व्यक्तिगत हो या पेशेवर। रिश्तों में भावनाओं को व्यक्त करना जरूरी होता है।
ये ना सोचे आपका पार्टनर क्या सोचेगा आपका बोलना जरूरी है, ताकि आप अपनी दिल की बात को कह सकें चाहे बात अच्छी हो या बुरी जिससे भले झगड़ा हो जाये लेकिन कहना जरूरी हैं। चुप न रहें क्योंकि इससे समस्याएं और गलतफहमियां पैदा होती हैं। प्यार में पड़े दो लोगों को आजकल अपनी बात कहने के लिए इतने सारे साधन मिले हुए हैं।
टेलीफोन, ईमेल, लेटर के माध्यम से एक दूसरे के साथ नियमित रूप से बातचीत करनी चाहिए। विशेष रूप से लंबी दूरी के रिश्तों में प्यार बढ़ने के लिए संपर्क में रहना आवश्यक है जहां व्यक्ति अक्सर नहीं मिल सकते हैं। सबसे मुश्किल लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप होती हैं जहाँ आप मिल नहीं सकते एक दूसरे को देख नहीं सकते। बैठकर बात नहीं कर सकते। ऐसे में मानसिक रूप से एक दूसरे की भावनाओ को समझना जरूरी होता है। खुद की फीलिंग्स शेयर करना और सामने वाले को सुनना ऐसे मामलों में संजीवनी बूटी का काम करता हैं।
पेशेवर संबंधों में भी, सहकर्मियों के साथ बेहतर संबंध के लिए अच्छी तरह से बातचीत करना चाहिए हैं।
शांत रहें, एक दूसरे की बात सुने-
रिश्तों में छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा रिएक्ट न करें। शांत रहें। थोड़ा और एडजस्ट हो जाओ। “सॉरी” कहने वाले पहले व्यक्ति बनें। यह आपकी आधी समस्याओं का समाधान कर देगा।
मुस्कुराना जरूरी है-
जैसा कि वे कहते हैं “मुस्कान एक दवाई है जो हर चीज को मलहम लगाने का काम।करता है। आप हंस कर कई बरी और मुश्किल समस्या को सुलझा सकते हैं।
समय देना जरूरी है एक अच्छे रिश्ते में-
रिश्तों में समय का अहम रोल होता है। प्यार में पड़े लोगों को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए। निराशा तब पैदा होती है जब लोगों के पास एक-दूसरे से मिलने या बातचीत करने का समय नहीं होता है। क्वालिटी टाइम बिताना चाहिए।
दूसरे व्यक्ति को महत्वपूर्ण महसूस कराएं। जब भी वह आपके लिए कुछ करे तो अपने पार्टनर की सराहना करें। दूसरों के सामने उसकी तारीफ करें।
प्यार चाहे किसी भी रूप में हो होता बड़ा नाजुक है, छोटी-छोटी बातें कई बार खुशी दे जाती है तो कई बार दिल तोड़ देती हैं। प्यार में पड़ा आदमी दिमाग से नहीं दिल से सोचता हैं , फीलिंग्स और एक्सप्रेशन बहुत मायने रखते है। आप सामने वाले को 200% प्यार करें और बताये नहीं तो ये भी ठीक नहीं इसलिए कहना जरूरी हैं। अनकंडीशनल लव और रोमांस के बीच में स्पीड ब्रेकर होता है आपका ठंडा व्यवहार जो खतरनाक है। इसलिए प्यार कीजिये तो जताइये जरूर इससे आपके दिल की सेहत भी अच्छी रहेगी और आपके दिमाग की भी।