प्रयागराज: भाजपा ने प्रदेश सहित प्रयागराज जिले के पार्टी के जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई।प्रयागराज में ढाई दशक के बाद यह पहला मौका है कि जब सांसद केशरी देवी या उनके परिवार का कोई भी सदस्य जिला पंचायत का चुनाव नहीं लड़ रहा है।
इस बीच पार्टी ने मांडा तृतीय से जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन उनके पति अशोक सिंह को पार्टी ने मांडा द्वितीय से टिकट न देकर भाजपाइयों को चौंका दिया है। बीते दो दशक से रेखा और केशरी देवी पंचायत चुनाव में आमने सामने रही हैं, लेकिन प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद यह दोनों ही अब भाजपा की कद्दावार नेता हैं। केशरी देवी फूलपुर लोकसभा के लिए 2019 में भाजपा के टिकट पर सांसद भी चुनी गई। इसके बाद उनकी बहु ऋचा सिंह शंकरगढ़ से जिला पंचायत सदस्य बनी। हालांकि इस बार केशरी के पुत्र एवं पूर्व विधायक दीपक पटेल पहले ही कह चुके थे कि उनका परिवार पंचायत चुनाव से दूर रहेगा। अब पार्टी की जारी सूची में इसकी तसदीक भी हो गई।
जिले की राजनीति मे करीब ढाई दशक के बाद पहली बार जिला पंचायत में केशरी देवी या उनके परिवार को कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा। इस बीच भाजपा द्वारा जारी की गई सूची में जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह के पति अशोक सिंह को टिकट न देना चर्चा का विषय बन गया। अशोक सिंह ने मांडा द्वितीय से इस बार दावेदारी की थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उक्त सीट से सविता त्रिपाठी को उम्मीदवार बना दिया। टिकट न मिलने के बाद अशोक ने कहा कि पार्टी ने जो निर्णय लिया वह उन्हें स्वीकार है। वहीं केशरी देवी पटेल ने कहा कि वह पार्टी के सभी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेगी।
भाजपा द्वारा जारी की गई सूची में इस बार तमाम नए चेहरों को मौका दिया गया है। हंडिया चतुर्थ से डा. देवराज सिंह के पुत्र डा. वीके सिंह को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा करछना तृतीय से पार्टी ने प्रदेश कार्य समिति सदस्य रहे सुबोध सिंह पर भरोसा जताया है। मांडा प्रथम से अजीतेश जायसवाल को टिकट दी गई है। इसी तरह गंगापार एवं यमुनापार में भी कई नए चेहरे इस बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ेंगे।
पार्ट्री ने इस बार सभी बड़े नेताओं से जुड़े लोगों को भी टिकट दिया है। इसमें से कुछ सांसद डा. रीता बहुगुणा, सांसद केशरी देवी पटेल और विधायक नीलम करवरिया के करीबी भी बताए जा रहे हैं।
जिला पंचायत के 84 में से 30 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। हालांकि भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य के लिए 37 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। पार्टी ने 44 फीसदी सीट पर महिलाओं को टिकट देकर एक संदेश देने का काम किया है कि पार्टी आधी आबादी को उनका हक देने का काम कर रही है।