नई दिल्ली: पंकज चतुर्वेदी। किसान रैली और 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर रैली में पूरी कहानी इस तरफ इशारा करती है कि बड़े सुनियोजित तरीके से इस परेड को बदनाम करने की साजिश रची गई। इसी कड़ी में कल में दीप सिद्धू का नाम उजागर किया गया था। आज इस कड़ी में एक और नाम का खुलासा, जो ना कि एक अहम कड़ी है और कुख्यात भी। हिंसा का मास्टर माइंड और पंजाब का कुख्यात गैंगस्टर लक्खा सिधाना और उसके करीबियों ने दिल्ली पुलिस पर हमला किया किसानों के भेष में आईटीओ पर इस हिंसा में उसके गिरोह के लोग शामिल थे।
लाल किला और सेंट्रल दिल्ली इलाके में हुई हिंसा में दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना की साजिश उजागर हो चुकी है। दोनों किसान आंदोलन के दौरान काफी एक्टिव थे। लेकिन इन्हें आंदोलकारी अधिकांश संगत प्रदर्शन से हटा चुकी थीं।दोनों किसान प्रदर्शन से कुछ दिन के लिए गायब हुए थे। अचानक 25 जनवरी की रात साढ़े बारह बजे ये सिंघु बोर्डेर के मंच पर पहुंच गए।
सूत्रों के हवाले से ये पता चला है कि दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना दो दिन पहले ही दिल्ली आए थे। अब यह जांच का विषय है कि ये दिल्ली में किन लोगों से मिले, किन लोगों ने इनकी साजिश आखरी जामा पहनाने में सहयोग दिया।
ये भी जानना जरूरी है-
सिंघु बॉर्डर पर रेड लाइट पर बैठे किसानों के बीच लक्खा ने भड़काऊ भाषण भी दिया था।
लक्खा सिधाना अपने जमाने का मशहूर कबड्डी खिलाड़ी रहा और उस पर पंजाब में दो दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे अपराध शामिल हैं। साथ ही लक्खा पर आर्म्स एक्ट के मामले भी दर्ज हो चुके हैं। इन मामलों में कई साल की सजा भी काट चुका है। ज़्यादातर मामलों में गवाह या सबूत न होने की वजह से लक्खा बरी भी हो चुका है।
फिलहाल लक्खा सिधाना, पंजाब में गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता की छवि बनाने में लगा हुआ है। हाल ही में बठिंडा पुलिस ने लक्खा पर हाइवे के ऊपर लगे साइन बोर्ड्स पर कालिख पोतने का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था।लक्खा पंजाब में अंग्रेज़ी साइन बोर्ड्स पर सिर्फ़ पंजाबी भाषा लिखने की मांग कर रहा था। इससे पहले लक्खा सिधाना, मनप्रीत बादल द्वारा पंजाब में बनाई गई पार्टी पीपीपी से रामपुरा फूल सीट से विधान सभा का चुनाव भी लड़ चुका है। इन दिनों आम आदमी पार्टी में पैठ बनाने की फिराक में था।
लक्खा सिधाना ने हाल ही में मीडिया कर्मियों को भी अपने फेसबुक पेज पर वीडियो डालकर धमकाया था और उसके ख़िलाफ खबरें लिखने का विरोध किया था।
26 जनवरी के मौके पर लाल क़िले पर निशान साहिब का झंडा फहराने औऱ आईटीओ पर उपद्रव के मामले में दीप सिद्धु और लक्खा सिधाना का खुलासा होने के बाद अब पुलिस की कारवाई का इंतेजार है। और इस बात का भी की इस घटना में कौन कौन से तार निकलकर सामने आते है।