ज्ञानेन्द्र पाण्डेय। हर साल 26 जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस का आयोजन करता है इसी दिन 1950 को सुबह दस बज कर 28 मिनट पर इस आजाद देश का अपना संविधान लागू हुआ था और इसके साथ ही इस देश के प्रशासनिक तंत्र के संचालन के लिए सदियों से लागू ब्रितानी सरकार की गुलामी की मानसिकता के प्रतीक भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को तिलांजली दे दी गयी थी।
इस हिसाब से 1950 को आयोजित पहले गणतंत्र दिवस समारोह को मिला कर देश इस साल ( 2021 में ) 72वां गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित कर रहा है। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए आजाद भारत ने 26 नवम्बर 1949 को देश की संविधान सभा ने पूरी तैयारी के बाद अपना संविधान अपनाया था जिसे भारतीय संविधान सभा द्वारा अनुमोदित रूप में इस देश ने 26 जनवरी 1950 को एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था।
हर साल 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस का आयोजन तो जरूर करते हैं लेकिन गणतंत्र दिवस से जुडी कुछ ख़ास बातों को या तो जानते ही नहीं हैं या फिर जानने की कोशिश नहीं करते हैं। मसलन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि इस मौके पर इसाई धर्म से जुडा महात्मा गांधी का एक प्रिय गीत , Abide WithMe……भी जरूर गाया जाता है।इसी तरह बहुत कम लोग ही इस सत्य से परिचित होंगे कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे लम्बा लिखित संविधान है जिसे एक दिन में नहीं पढ़ा जा सकता।
हमारे संविधान की हिंदी और अंगरेजी में हस्तलिखित एक – एक मुद्रित प्रति संसद भवन ग्रंथालय में सुरक्षित रखी गईं हैं।
26 जनवरी के मौके पर राजपथ में होने वाली परेड की शुरुआत साल 1955 से हुई थी और इस मौके पर परेड के मुख्य ( विशिष्ट ) अतिथि पाकिस्तान के तत्कालीन गवर्नर जनरल मालिक गुलाम मोहम्मद थे।
प्रसंगवश यह जानकारी भी महत्वपूर्ण है कि शुरुआती दौर में गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ पर नहीं नेशनल स्टेडियम में हुआ करती थी।यह स्टेडियम अब मशहूर हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर अब ध्यानचंद स्टेडियम कहलाता है।
इस स्टेडियम में आयोजित पहली गणतंत्र दिवस परेड को 15 हजार दर्शकों ने देखा था। गणतंत्र दिवस के आयोजन के सिलसिले में एक गौर करने लायक बात यह भी है कि –
देश के सभी राष्ट्रीय और सरकारी आयोजनों की तरह इस आयोजन की शुरुआत राष्ट्र ध्वज फहराने के साथ शुरू होने वाले राष्ट्रगान से ही होती है और इस अवसर पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है।भारतीय सेना की सात तोपों द्वारा दी जाने वाली इस सलामी की खासियत यह होती है कि तोपों की यह सलामी राष्ट्रगान के पहले सेकंड में शुरू होती है और अंतिम सलामी ठीक 52वें सेकंड में तब होती है जब राष्ट्रगान का समापन होता है।
गौरतलब है कि हमारा देश आजाद तो 15 अगस्त 1947 को हो गया था इसके अपने क़ानून नहीं थे।देश के अपने क़ानून तब बने जब देश का अपना संविधान बना इसलिए अपने संविधान के आधार पर अपने कानूनों के सहारे देश के प्रशासन तंत्र को चलाने का सिलसिला अपना संविधान लागू होने के बाद 26 जनवरी 1950 से ही शुरू हो सका था।हमारा संविधान इतना लचीला है कि समय की जरूरत के हिसाब से इसके प्रावधानों में जरूरी संशोधन भी किये जाते रहे हैं।यही वजह है कि अपना संविधान लागू होने के बाद से लेकर आजतक हमारे संविधान में सौ से अधिक संशोधन किये जा चुके हैं। इस बीच सात दशक में हमने बहुत कुछ खोया भी है और बहुत कुछ पाया भी है ।चीन के साथ युद्ध में हमने कुछ खोया तो पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में हमको बहुत कुछ हासिल भी हुआ है।पाकिस्तान से अलग होकर बांगला देश बना तो सिक्किम भारतीय गणराज्य का हिस्सा बना।
इन सात दशक के दौरान ही एक तरफ जहां नए और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए शिक्षा , स्वास्थय, औद्योगिक, निर्माण , बुनियादी संरचना , खेल , कृषि , सिंचाई और संकृति के विकास के लिए जरूरी शैक्षिक संस्थाओं के गठन का काम पूरा हुआ तो दूसरी संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती की वजह से 1952 से लेकर आज तक हुए चुनावों में केंद्र और राज्यों में सत्ता का हस्तांतरण भी शांति पूर्वक हुआ है।लोकतंत्र की मजबूती की वजह से राजनीतिक स्थिरता की स्थिति भी बनी और इसी स्थिरता ने देश को जीवन के अनेक क्षेत्रों में तेजी से विकास करने का मौका मिला। यही वजह है कि आज हमारे साथ ही आजाद हुआ पाकिस्तान विकास की दौड़ में हमसे कहीं पीछे है जबकि हमारा देश कई मामलों में आत्म निर्भर बन चुका है।
इस उपलब्धि पर नाज तो होना चाहिए लेकिन इस पर इतरानी जैसी कोई बात भी नहीं होनी चाहिए क्योंकि दुनिया के कई देश ऐसे हैं जिन्होंने आजाद होने के बहुत कम सालों में हमसे ज्यादा तरक्की की है।इस मामले में जापान से सबक लेने के साथ ही सिंगापूर जैसे देश को भी आदर्श के रूप में देखना चाहिए। कहना गलत नहीं होगा कि कई मामलों में तो पड़ोसी देश बांगला देश से भी हमें सबक लेने की जरूरत है जिसकी आजादी में हमारा बहुत बड़ा योगदान है।
इस दौरान हमने जो कुछ भी हासिल किया वो हमारी असफलताओं को नजर अंदाज ही नहीं करता बल्कि जीवन के कमोबेस हर क्षेत्र हमारी योग्यताओं का उल्लेख भी करता है , मसलन 1947 में आज़ादी हासिल करने के एक साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 1948 के लंदन ओलिंपिक्स में स्वर्ण पदक जीता था इसके अगले साल मुथम्मा बेलियप्पा भारतीय प्रशासनिक परीक्षा पास करने वाली पहली महिला हुईंऔर 1950 में भारत पूर्ण रूप से गणतंत्र देश घोषित हुआ। इसी कड़ी में 1951 मे भारत ने एशियाई खेलों के पहले संस्करण की मेजबानी की।
इसके अगले साल 1952 में भारत में स्वतंत्रता के बाद पहली बार संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए आम चुनाव हुए जिसमें 17 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान दिया. 1953 में इंडियन एयरलाइन्स की स्थापना हुई। 1954 में भारत, ट्रॉम्बे में एटमी ऊर्जा कार्यक्रम को लॉन्च करने वाला पहला देश बना।1955 में भारत ने अपना पहला कम्प्यूटर HEC 2M इन्सटॉल किया। 1956 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने मेलबर्न ओलिंपिक्स में फिर गोल्ड जीता। 1957 में आरती साहा इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली एशियाई महिला बनीं।
1958 में भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (IIT)ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता की नई परिभाषा गढ़ी। 1959 में सत्यजीत रे की आपुर संसार ने भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दी।1960 के ओलिंपिक में मिल्खा सिंह रिकॉर्ड तोड़ने वाले पहले भारतीय हुए।
1961 में भारत ने गुट निरपेक्ष देशों की पहली बैठक में नेतृत्व की कमान संभाली। एक साल बाद 1962 के एशियाई खेलों में भारतीय फुटबॉल टीम ने स्वर्ण जीतकर सबसे ऊंची रैंकिंग हासिल की।अगले साल प्रधानमंत्री नेहरू ने बाखरा-नंगल बांध प्रोजेक्ट को ‘आधुनिक भारत का मंदिर’ कहते हुए उसे देश के नाम समर्पित किया। 1964 में भारत का पहला जेट ट्रेनर HJT-16 ने उड़ान भरी।
अनाज के लिए बाहरी निर्भरता से मुक्ति पाने के लिए 1965 में हरित क्रांति की शुरूआत हुई।
1966 में रीता फारिया विश्व सुंदरी का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय हुईं। एक साल बाद पंडित रवि शंकर ने भारत की ओर से पहला ग्रैमी अवॉर्ड जीता। 1968 में डॉ प्रफुल्ल सेन, हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी करने वाले दुनिया के तीसरे और एशिया के पहले डॉक्टर बने। 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)की स्थापना हुई। 1971 में भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलवाने के लिए सैन्य हस्तक्षेप किया।
भारत के सबसे सफल पशु बचाओ कार्यक्रम, प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत 1973 में हुई थी। 1974 में भारत ने शांतिपूर्ण तरीके से परमाणु परिक्षण किया जिसने दुनिया को चकित कर दिया लेकिन इसने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को एक गति दी।1975 में आर्यभट्ट के प्रक्षेपण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया जिनका अपना सैटेलाइट है , 1976 में बंधुआ मजदूरी की प्रथा को ख़त्म कर भारत ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया था . . इसके अगले साल मेलबर्न में माइकल फरेरा विश्व बिलियार्ड्स चैंपियनशिप जीती।
1978 में भारत की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी दुर्गा का जन्म हुआ।1979 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका को वैध करार दिया, यह दुनिया में न्यायिक नवीनता के महत्वपूर्ण उदाहरणों में से एक है। 1980 में चेचक की बीमारी से निपटने के लिए भारत ने सबसे लंबे टीकाकरण कार्यक्रम में से एक ही शुरूआत की।
16 साल की कड़ी मेहनत के बाद 1981 में भारतीय वैज्ञानिकों ने अपनी पहली दवा ट्रोमैरिल तैयार की।. अगले साल नई दिल्ली में भारत ने एशियाड खेलों की मेज़बानी संभाली। 1983 में कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने विश्व कप जीता। 1984 में राकेश स्पेस में कदम रखने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने। 1985 में भारत फास्ट ब्रीडर न्यूकलियर रिएक्टर हासिल करने वाला छठवां देश बना। 1986 के एशियाई खेलों में पीटी उषा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के दौरान रिकॉर्ड धराशायी किए।
1987 में सुनिल गावस्कर टेस्ट मैच में 10 हज़ार रन स्कोर करने वाले पहले क्रिकेटर बने। 1988 में एशिया का पहला रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट IRS-1A लॉन्च करके इसरो ने अपने आलोचकों का मुंह बंद किया. इसी के अगले साल केरल का कोट्टायम भारत का पहला पूर्ण साक्षर जिला घोषित किया गया। 1990 में कुवैत और इराक़ से 1 लाख 10 हज़ार भारतीयों को बाहर निकाला गया जो दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा नागिरकों को बाहर निकालने का प्रयास माना जाता है।
1991 में भारत ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए कई सुधार कार्यक्रमों की घोषणा की।इसके ठीक दो साल बाद 1993 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को दुनिया की छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया। 1993 में फिल्मकार सत्यजीत रे को अपने सिनेमा के लिए ऑस्कर से नवाज़ा गया। अगले साल सुष्मित सेन और ऐश्वर्या राय ने भारत की ओर से मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड का ताज़ जीता।1995 में भारत ने इंटरनेट पर पहली बार लॉग इन किया। 1996 के अटलांटा ओलिंपिक्स में 23 साल के लिएंडर पेस ने कांस्य पदक जीता।
यह 44 साल में भारत का पहला एकल पदक था। अगले साल लेखक अरुंधती रॉय ने अपनी किताब ‘दि गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए बुकर पुरस्कार जीता।अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 1998 में नोबल पुरस्कार जीता, वह यह सम्मान हासिल करने वाले छठें भारतीय थे। 1999 में न्यूयॉर्क के नास्डैक में लिस्ट होने वाली इंफोसिस पहली भारतीय कंपनी बनी।
शंतरज के ग्रांडमास्टर विश्वनांथन आनंद ने 2000 में विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती।भारत में बने फाइटर जेट तेजस ने बैंगलुरू से अपनी पहली उड़ान भरी।अगले साल भारतीय क्रिकेट टीम ने लंदन में हुई नैटवेस्ट सीरिज़ का फायनल जीता। 2003 में सानिया मिर्ज़ा विंबलडन की डबल्स ट्रॉफी जीतने वाली पहली भारतीय बनी। राज्यवर्धन राटौर ने 2004 ओलिंपिक्स में सिल्वर जीता। 2005 में भारत ने सूचना के अधिकार कानून को पास किया।
- 2006 में परिमार्जन नेगी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतरंज के ग्रांड मास्टर का खिताब जीतने वाले बने। वाले सबसे युवा एशियाई बने।
- 2007 में प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
- अगले साल अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में बीजिंग ओलिंपिक्स में स्वर्ण पदक जीता।इस खेल में एकल स्वर्ण पदक जीतने वाले अभिनव पहले भारतीय हैं।
- वहीं भारत का सफल चंद्र अभियान चंद्रयान 1 ने दुनिया को चकित कर दिया।
- 2009 में दिल्ली हाईकोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर किया।
- 2010 में शिक्षा के अधिकार को संवैधानिक अधिकार घोषित किया गया।
- 2011 में 27 साल बाद एम एस धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने क्रिकेट विश्व कप जीता।
- लंदन ओलिंपिक्स 2012 में भारत ने 6 मेडल जीते।
- 2013 में मंगलायन ने मंगल ग्रह पर चक्कर लगाया।
- 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया।
- 2015 में सानिया मिर्ज़ा और सायना नेहवाल अपने अपने खेलों में शीर्ष पर रहीं।
- जून 2016 में भारत ने महिला फाइटर पायलटों के पहले बैच को ट्रेनिंग दी।
- तीन अगस्त को भारत ने जीएसटी को हरी झंडी दिखाई जिसे 25 साल का देश का सबसे बड़ा कर सुधार कार्यक्रम बताया जा रहा है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और तक्षकपोस्ट के Counsulting Editor है।) पोस्ट की सभी सामग्री पर तक्षकपोस्ट का एकाधिकार है।
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