इस साल सत्यजीत रे मेमोरियल लेक्चर के लिए, केआईएफएफ को सम्मानित स्पीकर के रूप में मशहूर कथाकार को हिस्सा बना कर अत्यंत खुशी महसूस हो रही है, जहाँ वह ‘सोशल रिस्पांसिबिलिटी इन मैनस्ट्रीम इंडियन सिनेमा’ इस विषय पर अपने विचारों को साझा करते हुए नज़र आएंगे।
फेस्टिवल के आयोजकों ने इस समारोह के दूसरे दिन अनुभव सिन्हा की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म ‘मुल्क’ की स्क्रीनिंग भी निर्धारित की है।
सिन्हा का हालिया काम, मुल्क (2018), आर्टिकल 15 (2019) और थप्पड़ (2020) ने समाज के लिए एक मिरर का काम किया है जिसमें रिलीजियस बायस, जातिगत भेदभाव और घरेलू हिंसा के परिणामों को दिखाया गया है। लेक्चर के विषय का महत्व और गंभीरता को इसके समीक्षकों द्वारा प्रशंसित कार्यों की चर्चा के माध्यम से स्पष्ट किया जाएगा।
अनुभव सिन्हा कहते हैं*, ”मैं इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में आमंत्रित होने के लिए सम्मानित महसूस करता हूं, जहां मुझे सत्यजीत रे मेमोरियल लेक्चर देने की सम्मानित जिम्मेदारी से नवाजा गया है। मैं वहां प्रतिष्ठित लोगों से मिलने और बातचीत करने का इंतजार कर रहा हूं। मुझे खुशी है कि मुल्क को फेस्टिवल में प्रदर्शित किया जाएगा।”
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 26वें संस्करण को सोशल डिस्टेंसिंग को उचित महत्व देते हुए एक स्मार्ट फ्रेम में डिजाइन किया गया है। यह एडिशन मुख्य रूप से सिनेमा प्रेमियों, क्रिटिक्स, अभिनेताओं और अन्य लोगों के लिए ऑनलाइन मोड में प्रस्तावित है ताकि वे भारत की सांस्कृतिक राजधानी में गाला अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह की नब्ज को महसूस करते रहें।