बीजिंग: चीनी अरबपति और एशिया के जेफ़ बेजोस कहे जाने वाले जैक मा (Chinese tech billionaire Jack Ma ) करीब 2 महीनों से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नज़र नहीं आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सरकार खासकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) की नाराजगी के बाद से ही न सिर्फ जैक मा का कारोबार निशाने पर है, बल्कि वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में आने से भी परहेज कर रहे हैं। जैक मा से पहले भी कई चीनी अरबपति सरकार के निशाने पर आ चुके हैं। जैक मा के इस तरह गायब होने के बाद कई तरह के संदेह भी जाहिर किये जा रहे हैं। ANT ग्रुप के फाउंडर चीन के सबसे अमीर लोगों में से एक जैक अलीबाबा के भी फाउंडर हैं।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा चीन में अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में बतौर वक्ता उपलब्ध रहते हैं और अपने मोटिवेशनल भाषणों के लिए भी युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। जैक मा ने बीते अक्टूबर में चीन के सरकारी बैंकों बैकिंग सिस्टम की आलोचना करते हुए उसे पुराना और घिसा-पिटा करार दिया था, जिसके बाद वे आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे। ख़बरों के मुताबिक जैक मा की इस राय पर कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार के अफसरों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी। इसी के बाद दुनिया की सबसे बड़ी 37 बिलियन डॉलर की Ant Group की आईपीओ (initial public offering) को भी जिनपिंग के कहने के बाद टाल दिया गया था।
कई कार्यक्रमों से नाम हुआ गायब
रिपोर्ट के मुताबिक, जैक मा बीते दो महीनों में कई कार्यक्रमों में शामिल होने वाले थे लेकिन आखिरी वक़्त पर उनका नाम गेस्ट या स्पीकर लिस्ट से हटा दिया गया। बीते दोनों मशहूर टीवी शो Den-style TV show Africa’s Business Heroes से भी अचानक ही जैक मा का नाम हटा दिया गया। यहां तक कि शो के पोस्टर से भी उनकी तस्वीर हटा दी गयी है। गौरतलब है कि इस शो को प्रोड्यूस करने वाली कंपनी जैक मा की ही है और उन्हें खुद के शो से ही बाहर होना पड़ा है। इसके अलावा कई यूनिवर्सिटी और अन्य जगहों से भी बतौर वक्ता उनके कार्यक्रम में आने की घोषणा तो की गई थी, लेकिन आखिरी वक़्त पर उनका नाम ही हटा दिया गया।
80 हज़ार करोड़ रुपये का लगा झटका!
जैक मा के लिए 2020 का आख़िरी दौर अच्छा साबित नहीं हुआ। अलीबाबा के को-फाउंडर जैक मा को अक्तूबर के अंत से करीब 11 अरब डॉलर का झटका लगा है। भारतीय मुद्रा में ये रकम 80 हज़ार करोड़ रुपये से भी ज़्यादा है। ऐसा अधिकारियों के उनकी कंपनी और दूसरे बड़े टेक समूहों पर अपनी निगरानी बढ़ाने के चलते हुआ। अलीबाबा चीन की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। इस साल मा की दौलत करीब 61.7 अरब डॉलर पर पहुंच गई और वे एक बार फिर से चीन के सबसे रईस शख्स बनने के करीब पहुंच गए। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, हालांकि, जैक मा की नेट वर्थ घटकर 50.9 अरब डॉलर पर आ गई। इस लिस्ट में उन्हें चौथे पायदान पर रखा गया है।
चीन कस रहा शिकंजा
चीन के रेगुलेटर्स ने Ant Group को अपने कारोबारों में सुधार (रेक्टिफिकेशन) करने का आदेश दिया है। कहा है कि ग्रुप नियामकीय आवश्यकताओं का अनुपालन करे। Ant Group दुनिया की सबसे बड़ी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी है। बता दें कि आंट ग्रुप की शुरुआत अलीबाबा के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Taobao के लिए पेमेंट सर्विसेज के तौर पर हुई थी। आज यह ग्रुप इंश्योरेंस व इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट की भी पेशकश करता है।चीन में इंटरनेट सेक्टर में एंटी मोनोपोली प्रैक्टिसेज को लेकर जांच तेज हुई है। चीन के रेगुलेटर्स ने रविवार को बयान में कहा कि चीन के केन्द्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने Ant Group के एग्जीक्यूटिव्स को शनिवार को समन जारी किया। उन्हें आदेश दिया गया है कि वे एक रेक्टिफिकेशन प्लान तैयार करें।
बयान में कहा गया कि Ant Group में गवर्नेंस मैकेनिज्म की कमी है, ग्रुप ने नियामकीय अनुपालन जरूरतों की अवहेलना की है और नियामकीय मध्यस्थता में संलग्न है। कहा गया कि कंपनी ने मार्केट में अपनी पोजिशन का इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंदियों को बाहर करने में किया है और उपभोक्ताओं के अधिकारों व हितों को हानि पहुंचाई है। अलीबाबा के खिलाफ ऐंटी ट्रस्ट इन्वेस्टिगेशन का ऐलान होते ही गुरुवार को ही रेग्युलेटरी एजेंसियों ने भी फरमान जारी कर दिया कि उनके अधिकारी ऐंट ग्रुप की निगरानी के लिए उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा तय करेंगे।