नेपाल की नेशनल असेंबली के सदस्यों ने सरकार से ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में नेपाली छात्रों को भेजने पर रोक लगाने का आग्रह किया है। केआईआईटी में बीते तीन महीने की अवधि के दौरान दो नेपाली छात्राओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। संसद सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, उन्होंने संस्थान में नामांकन चाहने वाले किसी भी छात्र को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने से इनकार करने का प्रस्ताव रखा।
उच्च सदन के आपातकालीन सत्र के दौरान, सांसदों ने के.आई.आई.टी. में नामांकित नेपाली छात्रों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की, क्योंकि हाल ही में एक नेपाली छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। हाल के महीनों में यह दूसरी ऐसी घटना है।
राष्ट्रीय जनमोर्चा के तुल प्रसाद विश्वकर्मा और सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) की मदन कुमारी शाह उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने केआईआईटी के लिए एनओसी जारी करने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग की।
शाह ने माता-पिता और अभिभावकों से अपने बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मामलों के प्रति जागरूक रहने को भी कहा।
जनता समाजवादी पार्टी के मोहम्मद खालिद और नेपाली कांग्रेस के कृष्ण बहादुर रोकाया ने सरकार से नेपाल की छात्रा की मौत की गहन जांच सुनिश्चित करने और उसके परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।
इस बीच भुवनेश्वर पुलिस आयुक्त एस. देव दत्ता सिंह ने बताया कि बीते गुरुवार शाम करीब सात बजे प्रीशा शाह का शव हॉस्टल रूम में पाया गया। उन्होंने कहा, “फॉरेंसिक और पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और इस घटना पर अप्राकृतिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है।”
पुलिस आयुक्त ने बताया कि छात्रा के माता-पिता और नेपाल दूतावास को इस घटना की सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
नेपाल की विदेश मंत्री आरज़ू राणा देउबा ने कहा है कि नेपाल सरकार दिल्ली स्थित दूतावास के जरिए मामले पर नज़र रख रही है।
परसा जिले की 20 वर्षीय छात्रा प्रीशा साह ने बीते सप्ताह केआईआईटी में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली ।
इससे पहले 16 फरवरी को रूपनदेही की 21 वर्षीय प्रकृति लामसाल ने भी इसी संस्थान में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष नारायण प्रसाद दहल ने सरकार से केआईआईटी में नेपाली छात्रों की मौत की जांच करने और तथ्यों को सामने लाने को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।