केंद्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि लोकसभा ने जेल में बंद पंजाब के सांसद अमृतपाल सिंह को 54 दिन की छुट्टी दे दी है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की पीठ को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी। सत्यपाल सिंह एक कट्टरपंथी सिख नेता हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।
अधिवक्ता धीरज जैन ने बताया कि सांसदों के अवकाश आवेदनों की जांच के लिए गठित 13 सदस्यीय समिति ने सिंह सहित पांच सांसदों के मामलों को 10 मार्च को लोकसभा में रखने की सिफारिश की है।
जैन ने कहा कि 11 मार्च को सिंह को 24 जून 2024 से 2 जुलाई 2024 तक, 22 जुलाई 2024 से 9 अगस्त 2024 तक तथा 25 नवंबर 2024 से 20 दिसंबर 2024 तक 54 दिन की छुट्टी दी गई थी।
उन्होंने कहा कि सिंह के वकील ने उन्हें लोकसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध वापस ले लिया है।
संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के संबंध में अधिकारियों से मिलने की सिंह की याचिका पर जैन ने कहा कि अदालत ने उन्हें उचित अधिकारियों के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व करने की स्वतंत्रता दी है।
उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में अमृतपाल ने कहा था कि निवारक निरोध के तहत संसद सदस्य को भी संविधान के तहत सदन के सत्र में भाग लेने का अधिकार है।
सिंह ने पिछले साल संसदीय चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और पंजाब के खडूर साहिब से लोकसभा के लिए चुने गए थे। सिंह ने दावा किया कि उन्हें संवैधानिक अधिकार से वंचित किया गया और उन्हें “दुर्भावनापूर्ण इरादे” से संसदीय कार्यवाही से अनुपस्थित रहने के लिए मजबूर किया गया, ताकि उनके लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व न हो सके।
उनकी याचिका में तर्क दिया गया कि यह चाल 60 दिनों की अनुपस्थिति के बाद उनकी सीट खाली करवाने की थी, जिससे उनके और उनके लगभग 19 लाख लोगों के निर्वाचन क्षेत्र के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
सिंह ने कहा, संविधान के अनुच्छेद 101 के अनुसार, एक सांसद संसद के सत्रों से लगातार 60 दिनों तक अनुपस्थित रहने पर अपनी सदस्यता खो देता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि पिछले साल 30 नवंबर को उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से संसद के सत्रों में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया था और उन्हें बताया गया कि वे संसदीय बैठकों से 46 दिनों से अनुपस्थित हैं।