दिल्ली के निवासी वायु गुणवत्ता की बदतर स्थिति से सुरक्षित रहने के लिए तैयारी कर रहे हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वर्तमान में ‘खराब’ श्रेणी में है। रविवार को भी स्थिति ऐसी ही रहेगी और इसके और खराब होने की आशंका है। 20 अक्टूबर को हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में गिरने की आशंका है, जो 21 अक्टूबर तक जारी रहेगी। 21 अक्टूबर के बाद अगले छह दिनों तक स्थिति अनिश्चित रहने की आशंका है।
हवा की गुणवत्ता खराब करने में योगदान देने वाले कारकों में पराली और अपशिष्ट जलाने जैसे स्रोतों से उत्सर्जन शामिल है। प्रतिकूल मौसम की स्थिति भी प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव को रोकती है, जिससे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ पैदा होती हैं।
इस अवधि के दौरान मुख्यतः साफ आसमान के बावजूद, प्रदूषकों को प्रभावी ढंग से फैलाने के लिए हवा की स्थिति अपर्याप्त है। दक्षिण-पूर्व या पूर्व से आने वाली प्रमुख सतही हवाओं की गति 8-16 किमी प्रति घंटे के बीच रहने की उम्मीद है।
दिल्ली के प्रदूषण में अभी वाहनों, फैक्ट्रियों का धुआं, धूल प्रदूषण जैसे स्थानीय कारण ही अधिक जिम्मेदार बने हुए है। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाए जाने के कारण पहुंचने वाला धुआं भी दिल्ली में प्रदूषण के लिए काफी जिम्मेदार होता है, लेकिन इस साल अभी दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की बहुत अधिक भागीदारी नहीं है।
दिल्ली की यमुना नदी की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें नदी का पानी के ऊपर झाग-ही-झाग नजर आ रहा है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी 2025 तक पटाखों को बैन कर दिया है। सरकार के आदेश के मुताबिक पटाखे बनाने, उन्हें स्टोर करने, बेचने और इस्तेमाल पर बैन है। इतना ही नहीं पटाखों की ऑनलाइन डिलीवरी भी प्रतिबंधित रहेगी। इसमें ग्रीन पटाखे भी शामिल हैं।
द बीएमजे’ (द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल) में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार वायु प्रदूषण, भारत में प्रति वर्ष 21 लाख 80 हजार लोगों की जिंदगी छीन लेता है। इसमें से 30 प्रतिशत हृदय रोग, 16 प्रतिशत स्ट्रोक, 16 प्रतिशत फेफड़े की बीमारी और छह प्रतिशत मधुमेह से संबंधित हैं। इस मामले में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। शोध के अनुसार उद्योग, बिजली उत्पादन और परिवहन में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में प्रतिवर्ष 51 लाख लोगों की मौत होती है। इन मौतों को स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करके कम किया जा सकता है। प्रति वर्ष चीन में 24.40 लाख लोगों की वायु प्रदूषण से मौतें होती हैं।
सर्दियाँ करीब आने के साथ, दिल्ली सरकार ने पटाखों और कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगाकर वायु प्रदूषण को रोकने के प्रयास शुरू किए हैं।
दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। राय ने कहा, “दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इसे देखते हुए 13 हॉटस्पॉट के लिए अभियान चलाने के लिए 13 समन्वय समिति बनाई गई है। वहां (प्रदूषण के)स्रोतों की पहचान की गई है और MCD डीसी को इसका प्रभारी बनाया गया है। PWD द्वारा मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएंगी ताकि वहां धूल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।”
इससे पहले गुरुवार को, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने धूल नियंत्रण उपायों का पालन करने में विफल रहने के लिए कई सरकारी-संबंधित निर्माण परियोजनाओं की पहचान की और उन्हें दंडित किया। एनडीएमसी ने 30 उल्लंघनकर्ताओं की पहचान की और प्रति उल्लंघन 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।