लाल किले पर 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ पंक्ति में बैठे हुए दृश्य ने सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़ दी है। एक दशक में यह पहली बार था कि विपक्ष का कोई नेता स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए लाल किले पर मौजूद था। सफेद कुर्ता-पैजामा पहने राहुल गांधी भारत की हॉकी टीम के फॉरवर्ड गुरजंत सिंह के पास बैठे नजर आए।
आगे की पंक्तियों पर मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे ओलंपिक पदक विजेता बैठे थे। ओलंपिक-कांस्य विजेता हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश सहित सदस्य भी राहुल गांधी से आगे बैठे थे।
प्रोटोकॉल के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता, जिनका पद कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है, को हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है। आगे की पंक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस जयशंकर बैठे थे।
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी पांचवीं पंक्ति में बैठे जो उन्हें आवंटित की गई थी। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कोई विशेष मांग या अनुरोध नहीं किया था।
गौरतलब है कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट भी पांचवीं पंक्ति में थी। हालांकि, खड़गे नहीं आयेसूत्रों
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सरकार ने क्या कहा?
राहुल गांधी की बैठने की व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सांसद को पीछे ले जाना पड़ा क्योंकि आगे की पंक्ति ओलंपिक पदक विजेताओं को आवंटित की गई थी। स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम आयोजित करने और बैठने की योजना बनाने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की है। सूत्रों ने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत नेता प्रतिपक्ष को आम तौर पर पहली कुछ पंक्तियों में सीट दी जाती है।
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा शासन के दौरान तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी को हमेशा पहली पंक्ति में सीट आवंटित की जाती थी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद 2014 से खाली है क्योंकि किसी भी पार्टी को निचले सदन की ताकत के दसवें हिस्से के बराबर संख्या हासिल नहीं हुई। 2024 के लोकसभा चुनावों में, एनडीए के कम जनादेश के साथ सत्ता में लौटने पर कांग्रेस ने अपनी सीटें बढ़ाकर 99 कर लीं।
2014 और 2019 के चुनावों में, कांग्रेस ने 543 सदस्यीय सदन में क्रमशः 44 और 52 सीटें जीतीं और इस प्रकार, वह विपक्ष के नेता पद के लिए पात्र नहीं थी।