माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में दिक्कतों की वजह ने शुक्रवार को दुनिया भर में कई सेवाएं ठप कर दी। इस आउटेज की वजह से बैंकिंग, स्टॉक एक्सचेंजों, टेलीकॉम, मीडिया आउटलेट, एयरलाइंस और आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुई। भारत और अमेरिका सहित दुनियाभर के कई देशों में विमान सेवाएं ठप हो गई। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में दिक्कतों की वजह से उड़ान सेवाएं प्रभावित हुई। इस बीच भारत सरकार ने इन तकनीकी दिक्कतों के बाद माइक्रोसॉफ्ट से संपर्क किया। कई देशों की सरकारों ने इमरजेंसी बैठक भी बुलाई।
सूत्रों की मानें तो माइक्रोसॉफ्ट जिस सॉफ्टवेयर फाल्कन का इस्तेमाल करता है उसमे एक अपडेट आया था। अपडेट करते ही फाल्कन जहां-जहां इस्तेमाल किया जाता था, सभी जगह दिक्कतें आई हैं। इसे ठीक होने में करीब 5 से 10 घंटे लग सकते हैं।
भारत में, आउटेज के कारण उड़ान संचालन, भुगतान प्रणाली और व्यापार सहित अन्य सेवाओं में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ। सभी हवाईअड्डों पर उड़ानों में देरी की सूचना मिली, जिससे लंबी कतारें लग गईं। आउटेज के कारण इंडिगो, अकासा एयरलाइंस और स्पाइसजेट सहित कई एयरलाइनों की बुकिंग और चेक-इन सेवाएं प्रभावित हुईं।
हालांकि माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर क्रैश का देश की घरेलू सेवाओं पर असर नहीं पड़ा। रेलवे टिकटिंग सिस्टम से लेकर ट्रेनों के संचालन, कंट्रोल ऑफिस ऑटोमेशन और अन्य सेवाएं बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हुई।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन होने से एसबीआई सिस्टम प्रभावित नहीं हैं।
सरकार ने इस तकनीकी खराबी पर संज्ञान लिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट 365 का लाखों भारतीय इस्तेमाल करते हैं. इससे तकनीकी खामी से बडे़ पैमाने पर कई कंपनियों का कामकाज प्रभावित होता है। मुझे उम्मीद है कि माइकोसॉफ्ट जल्द ही सेवाओं को बहाल करेगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि MEITY वैश्विक स्तर पर हुई इस तकनीकी खामी के संबंध में माइक्रोसॉफ्ट और उसके सहयोगियों के संपर्क में है। इस आउटेज के कारण की पहचान कर ली गई है और समस्या के समाधान के लिए अपडेट जारी कर दिए गए हैं।
इन देशों में एयरलाइंस पर सबसे ज्यादा असर पड़ा:
-अमेरिका
-ब्रिटेन
-सिंगापुर
-फ्रांस
-ऑस्ट्रेलिया
-न्यूजीलैंड
दुनिया भर में इन सेवाओं पर सबसे ज्यादा असर हुआ:
-एयरपोर्ट
-रेलवे
-बैंकिंग
-स्टॉक एक्सचेंज
-टीवी चैनल्स
-ऑनलाइन स्टोर
-हॉस्पिटल
-IT सेक्टर
भारत, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन सहित दुनियाभर के कई देश माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में दिक्कतों की वजह से प्रभावित हुए। इसके चलते अधिकांश विमान कंपनियों, बैंक, स्टॉक एक्सचेंज, विदेशी रेल सेवाएं और मीडिया हाउस का कामकाज ठप पड़ गया।
सर्वर ठप होने से सबसे ज्यादा असर ऑस्ट्रेलिया पर पड़ा। यहां विमान सेवाओं से लेकर बैंकिंग, टेलीकॉम, टीवी चैनल तक पर असर पड़ा। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि मैं समझता हूं कि ऑस्ट्रेलिया के लोग इस सर्वर में खराबी से चिंतित हैं। इस समस्या को सुलझाने के लिए मेरी सरकार नेशनल साइबर सिक्योरिटी कॉर्डिनेटर के साथ मिलकर काम कर रही है।
ब्रिटेन के एक प्रमुख न्यूज चैनल स्काई न्यूज का प्रसारण ठप हो गया। चैनल के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन डेविड रोड्स ने कहा कि स्काई न्यूज चैनल का प्रसारण नहीं हो पा रहा है। हमें इस व्यवधान के लिए खेद है। ब्रिटेन की रेल सेवाएं भी बाधित हुई। न्यूज एजेंसी AP की सेवाएं भी बाधित हुई। इंग्लैंड में हेल्थ बुकिंग सिस्टम भी ठप हो गया।
दरअसल, दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन होने के पीछे CrowdStrike को जिम्मेदार माना जा रहा है। CrowdStrike एक साइबर सिक्योरिटी फर्म है, जो कंपनियों को IT एनवायरमेंट को सुरक्षित रखने में मदद करती है। आसान शब्दों में कहें तो कोई कंपनी इंटरनेट की मदद से जो भी काम करती है, उसे हैकर्स से सुरक्षित रखने में CrowdStrike उनकी मदद करती है। इसका प्रमुख काम कंपनियों को हैकर्स, साइबर अटैक, रैंसमवेयर और डेटा लीक से बचाना है। यही वजह है कि इस कंपनी के प्रमुख कस्टमर दुनियाभर के बड़े बैंक, यूनिवर्सिटीज और सरकारी एजेंसियां भी हैं। हाल के दिनों में साइबर वर्ल्ड में काफी बदलाव हुआ है। हैकर्स के बढ़ते हमलों की वजह से कंपनियों की CrowdStrike जैसे फर्म पर निर्भरता बढ़ी है।
केंद्र सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) ने एक एडवाइजरी जारी कर बताया कि इस मुद्दे को कैसे हल किया जाए।
-यूजर्स को सबसे पहले Windows को सेफ मोड या फिर विंडोज रिकवरी एनवॉर्मेंट में बूट करना होगा।
-इसके बाद उन्हें C:WindowsSystem32driversCrowdStrike डायरेक्टरी पर जाना होगा।
-इसके बाद उन्हें C-00000291*.sys फाइल खोजनी होगी और उसे डिलीट करना होगा।
-आखिर में आपको अपना सिस्टम सामान्य तरीके से रिस्टार्ट करना होगा।