उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक ‘सत्संग’ (धार्मिक आयोजन) में भगदड़ मचने के बाद महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 116 लोगों की मौत हो गई। राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और तीन मंत्रियों को मौके पर पहुंचने और राहत कार्यों की निगरानी के लिए भेजा है। महानिरीक्षक (अलीगढ़) शलभ माथुर ने पुष्टि की कि अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा, “सत्संग के आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी क्योंकि कार्यक्रम में अनुमति से अधिक भीड़ थी। उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।”
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भगदड़ स्थल का दौरा करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मरने वाले 116 लोगों में से 108 महिलाएं, सात बच्चे और एक पुरुष हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से अब तक 72 लोगों की पहचान हो चुकी है।
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उन्होंने कहा, “राज्य सरकार की ओर से मृतकों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है। इतनी ही राशि केंद्र सरकार भी देगी।”
सत्संग का आयोजन मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति द्वारा स्वयंभू भगवान नारायण साकार हरि, जिन्हें साकार विश्व हरि या भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है, के लिए किया गया था। भगदड़ की घटना के बाद से पुलिस भोले बाबा की तलाश कर रही है।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ में श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत हो गई और शव एक-दूसरे के ऊपर ढेर हो गए – जो हाल के वर्षों में सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। घायलों को जिले के सिकंदरा राव ट्रॉमा सेंटर और एटा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
घटनास्थल के वीडियो में लोगों को मृतकों या बेहोश पीड़ितों को एम्बुलेंस, ट्रकों और कारों में सिकंदरा राव ट्रॉमा सेंटर में लाते हुए दिखाया गया है। दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आए जब कई घायलों को अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास चिंतित रिश्तेदारों से घिरे हुए देखा गया।
सिकंदरा राव के उप मंडल मजिस्ट्रेट रवेंद्र कुमार के अनुसार, भगदड़ तब हुई जब भक्तों ने कार्यक्रम के अंत में ‘सत्संग’ आयोजित करने वाले भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि लोग बाबा के पैरों के आसपास से कुछ मिट्टी भी इकट्ठा करना चाहते थे।
इस हादसे पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिला प्रशासन को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी के निर्देश के बाद सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव के साथ डीजीपी भी घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा, ”घटना बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली है। स्थानीय आयोजकों ने ‘भोले बाबा’ का कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रचारक नीचे आ रहे थे मंच पर अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ उन्हें छूने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वहां यह हादसा हो गया। इस पूरे मामले की जांच के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी है। उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देनी है. घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी वहां कैंप कर रहे हैं। राज्य सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, असीम अरुण तीनों घटनास्थल पर हैं।”
उस भयानक घटना को याद करते हुए एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हम सत्संग के लिए आए थे। यह एक बड़ी भीड़ थी। सत्संग समाप्त होने के बाद, हम जाने लगे। निकास संकीर्ण था। जैसे ही हमने मैदान की ओर बाहर निकलने की कोशिश की, अचानक हंगामा हो गया। हमें नहीं पता था कि क्या करना है। कई लोग मर गए।”
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “सत्संग ख़त्म होने के बाद सभी लोग बाहर आ गए। बाहर सड़क ऊंचाई पर बनी थी और नीचे नाली थी। एक के बाद एक लोग इसमें गिरने लगे। कुछ लोग कुचले भी गए।”
नेताओं ने संवेदना व्यक्त की-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना हृदय विदारक है। उन्होनें कहा, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई दुर्घटना में महिलाओं और बच्चों सहित अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है। मैं अपने परिवारजनों को खोने वाले लोगों के प्रति गहन शोक संवेदना व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे, ने हाथरस भगदड़ पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए अपना भाषण बीच में ही रोक दिया। उन्होनें कहा, “मुझे हाथरस में एक दुखद मौत की खबर मिल रही है। मैं उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार बचाव कार्य में लगी हुई है। केंद्र सरकार संपर्क में है। हर संभव कोशिश की जा रही है।” पीड़ितों को सहायता प्रदान की जाएगी।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और उन्हें केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हाथरस में हुई दुर्घटना के संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से बात की और घटना की जानकारी ली और केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। एनडीआरएफ की मेडिकल टीम भी जल्द ही हाथरस पहुंच रही है।”
यूपी सरकार की आलोचना करते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘चूंकि राज्य सरकार को पहले ही सत्संग में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के आने के बारे में सूचित कर दिया गया था, इसलिए यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी थी कि उचित उपाय किए जाएं।’
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे बेहद दर्दनाक घटना बताते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। सभी शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। सरकार और प्रशासन से अनुरोध है कि घायलों को हर संभव उपचार एवं पीड़ित परिवारों को राहत उपलब्ध कराएं। INDIA के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि राहत और बचाव में अपना सहयोग प्रदान करें।”
इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हाथरस में दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में लोगों की मौत के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
घटना के मद्देनजर प्रशासन ने हेल्पलाइन जारी की है:
आगरा जोन कंट्रोल-7839866849
अलीगढ़ रेंज कंट्रोल-7839855724
आगरा रेंज कंट्रोल-7839855724
हाथरस कंट्रोल-9454417377
एटा कंट्रोल-9454417438
अलीगढ़ कंट्रोल-7007459568