तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने राज्य में किसानों के लिए दो लाख रुपये की ऋण माफी की घोषणा की है। उन्होंने एक बयान में कहा कि कैबिनेट ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने का फैसला किया। पिछली सरकार ने अपने 10 साल के शासन में केवल 28,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ रेड्डी ने कहा कि पात्रता शर्तों सहित ऋण माफी का विवरण बाद में घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऋण माफी से राज्य के खजाने पर लगभग 31,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
इससे पहले, पिछली बीआरएस सरकार ने भी इसी तरह की योजना की घोषणा की थी, जिसकी लागत राज्य के खजाने पर 28,000 करोड़ रुपये थी।
रेड्डी ने कहा, “सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ऋण माफी का फैसला किया। पिछली सरकार ने दस साल तक किसानों से अपना वादा नहीं निभाया। हमारी सरकार राज्य में सत्ता में आने के आठ महीने के भीतर किसानों से किया गया वादा पूरा कर रही है।”
बैठक के बाद, रेड्डी ने ‘रायथु भरोसा’ की किसानों की निवेश सहायता योजनाओं के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप-समिति के गठन की भी घोषणा की।
उन्होंने बयान में कहा कि कैबिनेट उप-समिति राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करेगी और 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इस साल की शुरुआत में, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र में उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर कृषि ऋण माफी का वादा किया था।
इस बीच, तेलंगाना सरकार के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह ‘किसान न्याय’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “तेलंगाना के किसान परिवारों को बधाई! कांग्रेस सरकार ने आपके 2 लाख रू तक के सभी ऋण माफ कर ‘किसान न्याय’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है – जो 40 लाख से ज़्यादा किसान परिवारों को कर्ज़ मुक्त बनाएगा। जो कहा, कर के दिखाया – यही नियत है और आदत भी। कांग्रेस सरकार का मतलब है – राज्य का खजाना किसानों और मज़दूरों समेत वंचित समाज को मज़बूत बनाने में खर्च होने की गारंटी, जिसका उदाहरण है तेलंगाना सरकार का यह फैसला। हमारा वादा है – कांग्रेस जहां भी सरकार में होगी, हिंदुस्तान का धन ‘हिंदुस्तानियों’ पर खर्च करेगी, ‘पूंजीपतियों’ पर नहीं।”
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “तेलंगाना के 40 लाख से ज़्यादा किसान परिवारों को कांग्रेस की राज्य सरकार ने क़र्ज़ मुक्त बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। 16 साल पहले, कांग्रेस-UPA सरकार ने 3.73 करोड़ किसानों का ₹72,000 करोड़ कृषि ऋण व ब्याज़ माफ़ किया था। उसके बाद हमने कई कांग्रेस शासित राज्यों में किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया। एक तरफ़ मोदी सरकार ने देश के किसानों पर तीन काले क़ानून थोपे, उनको कँटीली तारों, ड्रोन से आँसू गैस, रबर बुलेट व लाठी-गोली चलाकर महीनों तक सताया… दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने “किसान न्याय” के तहत सही दाम, क़र्ज़ा माफ़ी आयोग, बीमा भुगतान का सीधा ट्रांसफ़र व सही कृषि आयात-निर्यात नीति की गारंटी दी। हमारा यह एजेंडा क़ायम रहेगा। जय किसान, जय हिंदुस्तान।”