कुवैत में प्रवासी श्रमिकों की एक इमारत में आग लगने से 40 भारतीयों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। आग में केरल के चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इस आग लगने की घटना के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में अपने आवास पर एक बैठक की अध्यक्षता की। पीएम मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त किया और आग में मारे गए भारतीय नागरिकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
इस इमारत का निर्माण कुवैत के सबसे बड़े निर्माण समूह एनबीटीसी द्वारा किया गया था।
इस बीच विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह आग त्रासदी में घायल हुए लोगों की सहायता की निगरानी करने तथा इस घटना में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीरों को शीघ्र वापस लाने के लिए स्थानीय प्राधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए कुवैत पहुंच गए हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “कुवैत के मंगफ़ क्षेत्र में एक श्रमिक आवास सुविधा में एक दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद आग की घटना में, लगभग 40 भारतीयों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। घायल लोगों को वर्तमान में कुवैत के 5 सरकारी अस्पतालों (अदान, जाबेर, फरवानिया, मुबारक अल कबीर और जहरा अस्पताल) में भर्ती कराया गया है और उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल दिया जा रहा है। कुवैत में हमारा दूतावास प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में बना हुआ है। दूतावास ने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने के लिए एक हेल्पलाइन +965-65505246 (व्हाट्सएप और नियमित कॉल) स्थापित की है। हेल्पलाइन के माध्यम से नियमित अपडेट प्रदान किए जा रहे हैं।”
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इस घटना से संबंधित ताजा जानकारी ये है:
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 6 बजे मंगफ शहर में एक छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी। कुवैत के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में पुष्टि की कि बुधवार शाम तक मरने वालों की संख्या 49 तक पहुंच गई।
कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबा ने पुलिस को मंगफ इमारत के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। कुवैत टाइम्स ने बताया कि साक्ष्य कर्मियों द्वारा घटनास्थल की जांच की गई।
आग लगने की घटना स्थल का दौरा करने के बाद मंत्री ने एक बयान में कहा, “आज जो हुआ वह कंपनी और भवन मालिकों के लालच का परिणाम है।”
इस इमारत का निर्माण कुवैत के सबसे बड़े निर्माण समूह एनबीटीसी द्वारा किया गया था। भारतीय मूल के व्यवसायी केजी अब्राहम कंपनी के प्रबंध निदेशक और भागीदार हैं। एनबीटीसी ने 195 से अधिक श्रमिकों को रहने के लिए इमारत किराए पर दी थी। इमारत में एनबीटीसी सुपरमार्केट के कर्मचारी भी रह रहे थे। समूह ने अभी तक इस घटना पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अधिकारियों ने कहा कि वे आग लगने के कारण की जांच कर रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने श्रमिक आवास में भीड़भाड़ के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम हमेशा ऐसे आवासों में बहुत अधिक श्रमिकों को ठूंसकर रखने के प्रति सतर्क और सचेत करते हैं।” जिस इमारत की बात हो रही है उसमें लगभग 160 लोग रह रहे थे और वहां रहने वाले कई कर्मचारी भारत से थे।
इमारत में रहने वाले अधिकांश कर्मचारी केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय नागरिक थे। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच थी। आग में केरल के चार लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान उमरुद्दीन शमीर, स्टीफ़िन अब्राहम साबू, केलू पोनमलेरी और रंजीत के रूप में हुई है।
कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया है: +965-65505246।
राजदूत आदर्श स्वाइका ने अल-अदान अस्पताल में इलाज करा रहे घायल भारतीय कामगारों से मुलाकात की। आग में 30 से अधिक भारतीय नागरिक घायल हो गए। भारतीय दूतावास ने कहा, “उन्होंने कई मरीजों से मुलाकात की और उन्हें दूतावास से पूरी सहायता का आश्वासन दिया। अस्पताल अधिकारियों ने लगभग सभी की हालत स्थिर बताई है।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आग त्रासदी पर अपने कुवैती समकक्ष अली अल-याह्या से बात की। उन्होनें एक पोस्ट में कहा, “अली अल-याह्या ने इस संबंध में कुवैती अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों से अवगत कराया। उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि घटना की पूरी जांच की जायेगी और जिम्मेदारी तय की जायेगी। अपनी जान गंवाने वाले लोगों के शवों को शीघ्र स्वदेश वापस लाने का मैंने उनसे आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि घायलों को अपेक्षित चिकित्सा सुविधा मिल रही है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुवैत शहर में आग लगने की घटना दुखद है और आग में घायल हुए लोगों के ठीक होने की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की, तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की तथा प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
पीएम मोदी ने विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को अग्नि त्रासदी में घायल हुए लोगों की सहायता के लिए तत्काल कुवैत जाने का निर्देश दिया। कीर्ति वर्धन सिंह को आग की घटना में मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करने के लिए भी कहा गया है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पोस्ट कर कहा, “कुवैत सिटी में आग लगने से 40 से अधिक भारतीयों की मौत की भयावह खबर से स्तब्ध और दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मध्य पूर्व में हमारे श्रमिकों की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। भारत सरकार को अपने समकक्षों के साथ मिलकर अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करना चाहिए।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह वाकई बहुत दुखद है। यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि आग में 41 लोग मारे गए हैं, कई लोग घायल हैं। यह याद दिलाता है कि हमारे प्रवासी कामगारों को कितना कष्ट सहना पड़ता है जब वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए विदेश जाते हैं और इस स्थिति में पहुँच जाते हैं। मैं आशा करता हूँ कि कुवैत सरकार जो भी दोषी है उसके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करेगी। हम सभी को बहुत दुख है और हम उनके प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। हमें अपने प्रवासी कामगारों को समर्थन देने की क्षमता बनाने के लिए तुरंत कार्य करने की आवश्यकता है, चाहे वे कहीं भी जाएं, इसलिए मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह बिना किसी देरी के संसद में एक गंभीर विधेयक लेकर आए जो प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा को बढ़ाएगा, चाहे वे कहीं भी जाएं।”
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “पीड़ित परिवारों के साथ हमारी संवेदना है। प्रधानमंत्री के साथ हमारी बैठक हुई है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। अधिकतर लोग केरल और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों से हैं।”
कांग्रेस नेता और केरल के नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने कहा, “मंगफ ब्लॉक 4 में लेबर कैंप में लगी आग में 45 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे में कई मलयाली लोगों की जान चली गई। यह एक ऐसी त्रासदी है जिसने पूरे केरल को रुला दिया। उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय से मृतकों का विवरण उपलब्ध हो जाएगा।”
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “यह बहुत दुखद है, चिंताजनक है… जो भी राहत हम उन्हें भेज सकते हैं, वह किया जाना चाहिए। कुवैत में बहुत अच्छी सेवाएं हैं, और मुझे उम्मीद है कि सरकार हर संभव मदद करेगी, क्योंकि ऐसी स्थिति में सरकार की यह जिम्मेदारी है। सभी विपक्षी दल सहयोग करेंगे। सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए और कुवैत से जो भी जानकारी उन्हें मिलती है, उसे साझा करना चाहिए क्योंकि इससे बहुत लोगों को राहत मिलेगी।”
भाजपा नेता शाइना एन.सी. ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुवैत में हमारे भारतीयों की जान चली गई। हम उम्मीद करते हैं कि विदेश मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है कि कैसे उन्हें(पीड़ितों) राहत पहुंचाई जाए।”
बता दें कि भारतीय कुवैत के सबसे बड़े प्रवासी समुदाय में से हैं। खाड़ी देश हजारों श्रमिकों को आकर्षित करता है, जिनमें से ज्यादातर दक्षिण भारत से हैं। कुवैत की आग में मारे गए भारतीय नागरिकों में केरल के ग्यारह लोगों के शामिल होने की आशंका है। राज्य सरकार संख्या पर आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रही है।
इस बीच, अनिवासी तमिल कल्याण विभाग ने कहा है कि वह इस बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है कि कुवैत आग की घटना में हताहतों में राज्य का कोई व्यक्ति शामिल है या नहीं। विभाग ने कहा कि विनाशकारी आग के बारे में जानने के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उन्हें विवरण प्राप्त करने और घटना के कारण प्रभावित हुए तमिलों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।