NEET प्रवेश परीक्षा 2024 के रिजल्ट आने के बाद घमासान मचा हुआ है। विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। NEET 2024 की लड़ाई अब सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुच गया है। रिजल्ट आने के बाद से ही कई दिनों से छात्र देश के कोनों-कोनों में प्रदर्शन कर रहे है। दिल्ली-जबलपुर से लेकर ग्वालियर और सीकर से लेकर हनुमानगढ़ में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित पेपर लीक को लेकर NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि “परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है” और “हमें जवाब चाहिए।” नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने NEET UG 2024 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जैसे ही वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुम्पारा ने शीर्ष अदालत से काउंसलिंग पर रोक लगाने के लिए कहा, न्यायमूर्ति नाथ ने जवाब दिया, “इसे शुरू होने दें। हम काउंसलिंग नहीं रोक रहे हैं।”
कोर्ट ने कहा कि इम्तिहान की मर्यादा और पवित्रता पर असर पड़ा है। हम एनटीए की दलील भी सुनना चाहेंगे।
न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, “यह इतना आसान नहीं है। क्योंकि आपने यह किया है। पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को इस मामले में अगला सुनवाई करेगा। पीठ ने कहा कि अगर जवाब दाखिल करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी, तो अदालत काउंसलिंग रोक देगी।
यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और शैंक रोशन मोहिद्दीन ने दायर की है। दाखिल याचिका में नीट परीक्षा 2024 को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में 4 जून को आए नीट रिजल्ट के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एनटीए ने मनमानी ग्रेस मार्क दिया है और ये सब पूर्वाग्रह से ग्रसित है। साथ ही एजेंसी पर आरोप लगाया कि कुछ छात्र को बैकडोर एंट्री देने के लिए किया है।
याचिकाकर्ता ने आशंका जताते हुए कहा कि यह तथ्य सामने आया है की एक सेंटर विशेष एग्जाम दे रहे हैं 67 छात्र को फूल मार्क्स 720 दिए गए हैं। याचिका में आगे कहा गया कि नीट परीक्षा 5 मई को हुई और तभी से कई शिकायतें सामने आई जिसमें पेपर लीक की बातें कही गई। ग्रेस मार्क्स को लेकर दायर याचिका में 1 हजार 563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने के फैसले को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि नीट का कथित पेपर लीक संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन है, क्योंकि इस हरकत ने कुछ उम्मीदवारों जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना था, उनके मुकाबले दूसरों को अनुचित लाभ मिल। सिर्फ पेपरलीक ही नही परीक्षा को लेकर उम्मीदवारों ने और भी कई आरोप लगाए है।
गौरतलब है कि कोर्ट ने पहली याचिका पर सुनवाई करते हुए NTA को नोटिस जारी किया था, हालांकि रिजल्ट पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया था।
I loved as much as you will receive carried out right here The sketch is tasteful your authored subject matter stylish nonetheless you command get got an edginess over that you wish be delivering the following unwell unquestionably come further formerly again as exactly the same nearly very often inside case you shield this hike