दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट से उबरने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से हरियाणा सरकार से बात करने का अनुरोध किया है। आतिशी ने कहा कि वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर कम हो गया है और मुनक नहर में पानी कम आ रहा है। हमने LG से अनुरोध किया है कि मुनक नहर में कम पानी छोड़े जाने के बारे में हरियाणा सरकार से बात करें। दिल्ली के सात वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी के लिए मुनक नहर पर निर्भर हैं। LG ने हमें आश्वासन दिया है कि वे हरियाणा सरकार से बात करेंगे।
उन्होनें कहा कि हमें हरियाणा के रास्ते हिमाचल प्रदेश से पानी मिलना था, लेकिन अभी तक नहीं मिला है। अगर हरियाणा सरकार मुनक कानाल में पानी छोड़ दे तो दिल्ली वालों की पानी की समस्या कम हो जाएगी हमें सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे से जानकारी मिली है कि हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार के बीच भी जल विवाद चल रहा है।
उन्होनें कहा, “दिल्ली को सीएलसी और डीएसबी उप-नहरों के माध्यम से मुनक नहर से 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। हालांकि, यह घटकर 840 क्यूसेक हो गया है। 7 जल उपचार संयंत्र इस पानी पर निर्भर हैं। अगर पानी की मात्रा नहीं बढ़ती है तो फिर 1-2 दिनों में पूरी दिल्ली में पानी की स्थिति खराब हो जाएगी।”
इससे एक दिन पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि हरियाणा मुनक नहर के जरिए दिल्ली को उसके हिस्से का 1,050 क्यूसेक पानी नहीं दे रहा है।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतिशी ने कहा कि गर्मियों के दौरान, जब हरियाणा 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ता है, तो दिल्ली को लगभग 990 क्यूसेक पानी मिलता है।
उन्होनें कहा था, “हालांकि, पिछले एक हफ्ते से दिल्ली को कम पानी मिल रहा है। 1 जून को 924 क्यूसेक, 4 जून को 884 क्यूसेक, 6 जून को 856 क्यूसेक और 7 जून को 840 क्यूसेक पानी मिला। प्रत्येक गर्मी के मौसम में वाष्पीकरण के कारण लगभग 59 से 60 क्यूसेक पानी की हानि होती है। अगर 840 क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंच रहा है, तो इसका मतलब है कि हरियाणा मुनक नहर में पानी नहीं छोड़ रहा है।”
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दिल्ली पानी की कमी से जूझ रही है। आतिशी ने शहर को यमुना का पानी नहीं देने के लिए हरियाणा को दोषी ठहराया है।
चाणक्यपुरी जैसे कुछ इलाकों में समस्या गंभीर हो गई है, जहां निवासियों को अपने हिस्से का पानी लेने के लिए पाइप के साथ एक टैंकर के ऊपर चढ़ते देखा गया।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में पानी की भारी कमी एक “अस्तित्वगत समस्या” बन गई है और हिमाचल प्रदेश सरकार को इसके प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा को 137 क्यूसेक अधिशेष पानी जारी करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि पानी पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
आतिशी ने कहा कि अगर कैरियर-लाइन चैनल और दिल्ली उप-शाखा – मुनक नहर की दो उप-नहरें – में पानी इसी स्तर पर रहता है, तो आने वाले दो दिनों में पूरी दिल्ली को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा।
शनिवार सुबह आतिशी ने बवाना में मुनक नहर की दो उपनहरों का दौरा भी किया।
उन्होंने कहा, हरियाणा और दिल्ली के बीच एक समझौते के अनुसार, हरियाणा को मुनक नहर के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी के लिए प्रतिदिन 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ना है।
आतिशी ने दावा किया कि अभी दिल्ली के कुछ हिस्सों में दिक्कत है लेकिन मुनक नहर से आने वाले पानी में अगर हरियाणा ने सही मात्रा में पानी नहीं छोड़ा तो स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी और सभी हिस्सों में पानी की कमी हो जाएगी।