भाजपा को अपने तीसरे कार्यकाल में कड़ी गठबंधन परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है और इसके संकेत गुरुवार को दिखाई दिए जब उसके सहयोगी, नीतीश कुमार की पार्टी जेडी (यू) ने कहा कि वह सेना के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की समीक्षा की मांग करेगी। जद (यू) नेता केसी त्यागी ने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ नाराजगी थी और यह चुनाव के दौरान दिखाई दे रही थी।
जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ”मतदाताओं का एक वर्ग अग्निवीर योजना से नाराज है। हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा की जाए और उन्हें दूर किया जाए। यूसीसी पर सीएम ने विधि आयोग प्रमुख को लिखा था कि हम इसके खिलाफ नहीं हैं लेकिन सभी हितधारकों से बात करके समाधान निकाला जाना चाहिए।”
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जाति आधारित जनगणना पर जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ”देश में किसी भी पार्टी ने जाति आधारित जनगणना को ना नहीं कहा है। बिहार ने रास्ता दिखाया है। पीएम ने भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में इसका विरोध नहीं किया। हम इसे आगे बढ़ाएंगे।”
उन्होंने समर्थन देने की बात पर कहा, “कोई पूर्व शर्त नहीं है। बिना शर्त समर्थन है। लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए, यह हमारे दिल में है।”
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वहीं जेडीयू नेता राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, ”जद(यू) संसदीय दल की बैठक शुक्रवार सुबह 9.30 बजे होगी। हम मजबूती से एनडीए के साथ हैं और रहेंगे।”
केंद्र ने सशस्त्र बलों को लचीला बनाने और रक्षा पेंशन बिल को कम करने के लिए 2022 में अग्निपथ योजना को शुरू किया था।
इस योजना के तहत सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर कर्मियों की भर्ती की जाती है। कुल वार्षिक भर्तियों में से केवल 25% को ही स्थायी कमीशन के तहत अगले 15 वर्षों तक जारी रखने की अनुमति है। इस योजना का बिहार और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था।