लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मंगलवार सुबह वोटों की गिनती शुरू हुई। शुरुआती रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर गया और बड़ी बढ़त बना ली। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए अब तक के रुझानों के मुताबिक, बीजेपी 236 सीटों पर आगे है जबकि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर उसके उम्मीदवार पहले से ही जीते हुए हैं। इस तरह बीजेपी के खाते में 237 सीटें आती दिख रही है। वहीं, कांग्रेस को अकेले 99 सीटों पर बढ़त है। तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी है जिसे 37 सीटों लीड मिली है। टीएमसी 31 सीटों के साथ चौथे नंबर पर है।
खबर लिखे जाने तक एनडीए को 280 से ज्यादा सीटें मिल गई हैं तो वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक 225 से ज्यादा सीटों पर आगे है। विपक्ष ने दावा किया है कि वो 295 सीटें जीतेगा। अगर एनडीए की सरकार बनती है तो नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे और देश के दूसरे ऐसे नेता बन जाएंगे, जिन्होंने लगातार तीसरी बार पीएम बनने का रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है। इस बार 96.88 करोड़ मतदाताओं में से 64.2 करोड़ मतदाताओं ने वोट देकर रिकॉर्ड बनाया है।
इंडिया गठबंधन को इस बार पांच राज्यों में फायदा होता नजर आ रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन राज्यों में खासा प्रदर्शन नहीं किया था। वहीं, इस बार गठबंधन करने से कांग्रेस को फायदा हो सकता है।
कांग्रेस 94 सीटों पर आगे है, जबकि बीजेपी 243 सीटों पर आगे चल रही है। गौर करने वाली बात राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन है, जहां वह 25 सीटों में से आठ सीटों पर आगे चल रही है। हरियाणा में भी कांग्रेस वापसी की राह देख रही है। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से छह सीटों पर कांग्रेस लगातार आगे चल रही है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल में भाजपा को बढ़त देने वाले एग्जिट पोल के विपरीत, तृणमूल कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को खारिज कर रही है, न केवल बंगाल में किले पर कब्जा कर रही है बल्कि भाजपा के खिलाफ बढ़त हासिल कर रही है।
इंडिया’ में किस पार्टी को कितनी सीटों पर बढ़त?
कांग्रेस- 97
सपा- 37
टीएमसी- 31
डीएमके 21
उद्धव गुट- 11
शरद गुट- 8
CPM- 5
RJD- 5
AAP- 3
CPI- 3
IUML- 3
VCK- 2
CPI (ML)- 2
JKNC- 2
JMM- 2
RSP- 1
BADVP- 1
KC- 1
MDMK- 1
RLTP- 1
क्या है राज्यों का हाल?
उत्तर प्रदेश में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। राज्य में सपा 37 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं 32 सीटों पर आगे है। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से हार तय है। वहां कांग्रेस कैंडिडेट किशोरी लाल 75 से भी ज्यादा वोटों से आगे निकल चुके हैं। स्मृति ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया था।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार वाराणसी लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100239 वोटों से बढ़त बनाई हुई है। इस सीट पर उनके सामने कांग्रेस से अजय राय हैं। हालांकि सुबह आए रुझानों में एक वक्त ऐसा आया था जब विपक्षी उम्मीदवार अजय राय ने पीएम मोदी को 6 हजार वोटों से पीछे छोड़ दिया था।
प. बंगाल में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। वहां, बीजेपी को आठ सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। बीजेपी कैंडिडेट्स अभी 10 सीटों पर आगे हैं जबकि टीएमसी 31 सीटों पर आगे है। कांग्रेस को एक सीट पर बढ़त है।
महाराष्ट्र में बीजेपी 12 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। वहीं, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) को 10-10 सीटें मिल रही हैं। शिवसेना (शिंदे) के खाते में छह जबकि शरद पवार गुट की एनसीपी को 8 सीटें मिलती दिख रही हैं। अजित पवार की एनसीपी सिर्फ एक सीट पर आगे है।
हरियाणा में भाजपा को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है। राज्य की छह लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस चार सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस अंबाला, सिरसा, हिसार और रोहतक सीटों पर आगे चल रही है।
असम में बीजेपी की नौ और कांग्रेस की नौ सीटों पर बढ़त है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी के नौ और कांग्रेस के पांच सांसद चुने गए थे।
तमिलनाडु से इस बार बीजेपी ने बड़ी आस लगा रखी थी, लेकिन वहां पार्टी को कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि, बीजेपी वहां छह सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी बन सकती है। इन सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी अभी दूसरे नंबर पर हैं। सत्ताधारी डीएमके फिर से बाहुबली बनकर उभर रही है। उसे 21 सीटों पर बढ़त मिली है। वहीं, सहयोगी कांग्रेस के खाते में 8 सीटें जाती दिख रही हैं।
केरल में बीजेपी का पहली बार खाता खुलता दिख रहा है। तिरुअनंतपुरम और त्रिशूर में बीजेपी कैंडिडेट अपने-अपने प्रतस्पर्धियों से आगे हैं। तिरुअनंतपुरम से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस कैंडिडेट शशि थरूर से 24 हजार से ज्यादा वोटों से आगे हैं। वहीं, त्रिशूर में बीजेपी प्रत्याशी सुरेश गोपी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीपीएम कैंडिडेट वीएस सुनील कुमार से करीब 6 हजार वोटों से आगे हैं।
तेलंगाना में बीजेपी और कांग्रेस के खाते में 8-8 सीटें जबकि हैदराबाद की सीट एआईएमआईएम के खाते में जाती दिख रही है। तेलंगाना में लोकसभा की कुल 17 सीटें हैं।
40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में जेडीयू 13 सीटों के साथ सबसे आगे चल रही है। वहीं, बीजेपी 11 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है। एनडीए गठबंधन के सहयोगी एलजेपी (रामविलास) कुल पांच सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी सिर्फ चार सीटों पर आगे है।
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीएस गठबंधन से बहुत पीछे है। कर्नाटक में बीजेपी 18 जबकि उसके सहयोगी दल जेडीएस 3 सीटों पर आगे है। वहीं, 28 लोकसभा सीटों वाले दक्षिण भारत के इस प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ सात सीटों पर बढ़त है।
बीजेपी ने जिन राज्यों में अपना प्रदर्शन सुधारा है, उनमें ओडिशा एक है। बीजेपी ने ओडिशा में 74 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल कर ली है। बीजद उम्मीदवार राज्य की 147 विधानसभा सीट में से 56 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे हैं। कांग्रेस 14 सीट पर और माकपा एक सीट पर आगे है जबकि दो सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी बढ़त बनाए हुए हैं।
वहीं दिल्ली की सातों सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है।
मध्य प्रदेश में बीजेपी को सभी 29 सीटों पर बढ़त मिली हुई है। चुनाव आयोग के मुताबिक, अब तक के रुझानों में मध्य प्रदेश में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल रहा है। ध्यान रहे कि छिंदवाड़ा सीट से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और कांग्रेस नेता नकुल नाथ ने पिछली बार जीत दर्ज की है।
बीजेपी को जम्मू-कश्मीर की दो लोकसभा सीटों पर बढ़त मिली है। वहीं, नैशनल कॉन्फ्रेंस ने भी दो सीटों पर बढ़त बना ली है। यहां एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे है।
मालूम हो कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के हिस्से 353 सीटें आई थीं, जबकि बीजेपी को 303 सीटें मिली थीं। 80 सीटों वाले यूपी में एनडीए को 64, 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में 18, 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में 41, 40 सीटों वाले बिहार में 39, 39 सीटों वाले तमिलनाडु में एक, एक सीट वाले अंडमान और निकोबार द्वीप में शून्य, 25 सीटों वाले आंध्र प्रदेश में एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं, दो सीटों वाले अरुणाचल प्रदेश में दो, 14 सीटों वाले असम में नौ, एक सीट वाले चंडीगढ़ में एक, 11 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में नौ, सात सीटों वाले दिल्ली में सात, दो सीटों वाले गोवा में एक, 26 सीटों वाले गुजरात में 26 सीटें मिली थीं।