पुणे पुलिस के दो पुलिसकर्मियों को पोर्शे दुर्घटना के बारे में समय पर “अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं करने” के लिए निलंबित कर दिया गया है। शहर के कल्याणी नगर इलाके में हुई इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। पुणे के पुलिस आयुक्त (सीपी) अमितेश कुमार ने कहा, “येरवडा पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर (पीआई) राहुल जगदाले और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर (एपीआई), विश्वनाथ टोडकरी को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने वायरलेस कंट्रोल रूम को दुर्घटना के बारे में सूचित नहीं किया था।”
कथित तौर पर 17-वर्षीय लड़के द्वारा चलाई जा रही एक पोर्शे गाड़ी ने, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि वह उस समय नशे में था, रविवार तड़के शहर में मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को बुरी तरह कुचल दिया जिसमें उन दोनों की मौत हो गई। आरोपी नाबालिग को पहले दी गई त्वरित जमानत पर हंगामा होने के बाद किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने रिमांड पर ले लिया।
इस बीच पुणे पुलिस ने शनिवार को 17 वर्षीय आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। सुरेंद्र अग्रवाल पर ड्राइवर गंगाराम को धमकाने और उसे पुलिस को यह बयान देने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है कि दुर्घटना के दौरान वह पोर्श चला रहा था। पुणे क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज एक नए मामले में सुरेंद्र अग्रवाल को सुबह 3 बजे उनके आवास से गिरफ्तार किया गया।
इससे पहले पुलिस ने कहा था कि यह दिखाने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है कि मोटरसाइकिल पर दो लोगों को कुचलने वाली पोर्शे को 17 वर्षीय व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पारिवारिक ड्राइवर चला रहा था।
उन्होंने कहा कि हम ड्राइवर पर सबूतों को नष्ट करने के लिए एफआईआर में धारा 201 जोड़ने जा रहे हैं। हम इसका भी पता लागएंगे कि ड्राइवर ने क्या किसी दबाव में स्टेटमेंट दिया।
अमितेश कुमार ने कहा, “हमारे पास उसके (नाबालिग) पब में शराब पीने का सीसीटीवी फुटेज है। कहने का मतलब यह है कि हमारा मामला सिर्फ ब्लड रिपोर्ट पर निर्भर नहीं है, हमारे पास अन्य सबूत भी हैं।”
उन्होंने कहा, “वह (किशोर) पूरी तरह से अपने होश में था। उसे पूरी जानकारी थी कि उसके आचरण के कारण ऐसी दुर्घटना हो सकती है।”
अमितेश कुमार ने कहा कि नाबालिग आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 304ए (लापरवाही से मौत) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह भी बताया गया कि जब नाबालिग पुलिस हिरासत में था तो उसे तरजीह दी गई। घटना के बाद कथित तौर पर उसे पिज्जा भी परोसा गया। आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार ने कहा, “हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलिस स्टेशन में पिज्जा पार्टी नहीं हुई थी। लेकिन हां, कुछ ऐसा हुआ था जिस पर हमने आंतरिक जांच शुरू कर दी है।”
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इसे एक मजबूत मामला बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने पहले ही आरोपी के पिता और बार मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सबूतों का तकनीकी विश्लेषण चल रहा है।”
इस मामले में नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत चार अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। सभी पांचों लोगों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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