न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ना खरीद की कीमत में 8% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने गन्ना खरीद की कीमत को 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “चीनी मिलों द्वारा किसानों को गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए आगामी गन्ना सीजन के लिए 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि में मूल्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2024-25 के लिए मूल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का निर्णय लिया गया है, जो पिछले वर्ष 315 रुपये था, जो इस वर्ष बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।”
https://x.com/ANI/status/1760348836076093448?s=20
ठाकुर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
एफआरपी गन्ना उत्पादकों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में कार्य करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें अपनी फसलों के लिए उचित और स्थिर आय प्राप्त हो।
सरकार ने एक बयान में कहा, “पिछले 10 वर्षों में, मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को सही समय पर उनकी फसल का सही मूल्य मिले। पिछले चीनी सीज़न 2022-23 का 99.5% गन्ना बकाया और अन्य सभी चीनी सीज़न का 99.9% किसानों को पहले ही भुगतान किया जा चुका है, जिससे चीनी क्षेत्र के इतिहास में सबसे कम गन्ना बकाया लंबित है। सरकार द्वारा समय पर नीतिगत हस्तक्षेप के साथ, चीनी मिलें आत्मनिर्भर हो गई हैं और एसएस 2021-22 के बाद से सरकार द्वारा उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है। फिर भी केंद्र सरकार ने किसानों के लिए गन्ने की ‘सुनिश्चित एफआरपी और सुनिश्चित खरीद’ सुनिश्चित की है।”
https://x.com/ANI/status/1760349187785273471?s=20
केंद्रीय कैबिनेट ने ये निर्णय भी लिए हैं:
-महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक अंब्रेला योजना सेफ्टी फॉर वुमन के कार्यान्वयन प्रस्ताव को मंजूरी।
-2021 -2026 के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम को मंजूरी।
-नेशनल लाइव स्टॉक मिशन में अतिरिक्त गतिविधियों को शामिल करने को मंजूरी।
-अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में संशोधन को मंज़ूरी।
-राष्ट्रीय पशुधन मिशन में अतिरिक्त गतिविधियों को शामिल करने को दी मंज़ूरी।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि मोदी कैबिनेट का दूसरा बड़ा फैसला नेशनल लाइवस्टॉक के तहत एक सबस्कीम शुरू की जा रही है। इससे घोड़े-ऊंट, गधा-खच्चर की संख्या घट रही है और देसी नस्ल की प्रजातियां खत्म होने की कगार पर हैं। तो पशुधन को बचाने के लिए नेशनल लाइवस्टॉक एक्सचेंज चलाया जा रहा है। ब्रीड मल्टीफिकेशन पर काम हो रहा है। एंटरप्रेन्योर के रूप में कोई व्यक्ति हो, सेल्फ हेल्प ग्रुप हो, इन सबको 50 फीसदी सब्सिडी दी गई है। इसकी अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये रखी गई है।
https://x.com/ANI/status/1760351192566087743?s=20
ठाकुर ने बताया कि तीसरा बड़ा फैसला फ्लड मैनेजमेंट और बॉर्डर एरिया प्रोग्राम को लेकर है। इस प्रोग्राम को 4100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है 2021-22 से 2025-26 तक इसमें 2,930 करोड़ फ्लड मैनेजमेंट के लिए दिया जाएगा। इसका फंडिंग का पैटर्न 60:40 का रेशो रहेगा। 60 फीसदी केंद्र देगी जबकि बाकी का राज्य सरकार देगी।
ठाकुर ने कैबिनेट ब्रीफिंग में बताया कि केंद्र ने अंतरिक्ष में एफडीआई को भी मंजूरी दी है। स्पेस सेक्टर को मोदी सरकार ने जैसे ही खोला तो कई उपलब्धियां हैं। इसके अलावा हमारा चंद्रयान मिशन जो हुआ, वो दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया। उन्होंने बताया कि स्पेस इकोनॉमी का बहुत अवसर है और इसको विकसित करने के लिए कमर्शियल एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के लिए 6 अप्रैल 2023 को इंडियन स्पेस पॉलिसी को मंजूरी दी गई थी। मौजूदा समय में एफडीआई पॉलिसी के तहत सैटेलाइट ऑपरेशन के रूट में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी है। स्पेस सेक्टर में एफडीआई पॉलिसी को और उदार करने का फैसला लिया है। सैटेलाइट के कंपोनेंट, सिस्टम या सबसिस्टम की मैन्युफैक्चरिंग में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई है।
https://x.com/ANI/status/1760350064310976904?s=20
बता दें कि गन्ना खरीद पर सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है जब किसान मुख्य रूप से पंजाब से, सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले हफ्ते, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय ने किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें एमएसपी पर सरकारी एजेंसियों द्वारा दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद से संबंधित पांच साल की योजना की पेशकश की। हालाँकि, किसानों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।