कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि उसने बैंकों को आय कर के रूप में उनके खातों से 65.89 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के बैंक खातों पर कब्जा कर लिया है।
कांग्रेस सचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, ‘बैंकों से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, बीजेपी सरकार ने बैंकों को हमारी जमा राशि में से लगभग 65.89 करोड़ रुपये सरकार को हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया। यह रकम एआईसीसी और भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के खाते से है। भाजपा के विपरीत, हमें यह पैसा पार्टी के सामान्य कार्यकर्ताओं से मिला। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रमुख विपक्षी दल का अकाउंट बीजेपी सरकार ने हाईजैक कर लिया है।”
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वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी बैंकों से कांग्रेस का पैसा चुरा रही है। उन्होंने कहा, ”भाजपा बैंकों से हमारा पैसा चुरा रही है।”
वेणुगोपाल ने सवाल किया कि क्या भाजपा ने अपने फंड के लिए कोई आयकर चुकाया है या क्या उसे पिछली कांग्रेस सरकारों के दौरान ऐसे किसी अनुभव का सामना करना पड़ा है?
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा, “मोदी सरकार और इनकम टैक्स के अधिकारियों ने कांग्रेस के बैंक खातों से 65.8 करोड़ रुपए चोरी कर लिए। इस मामले में हमने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल में अर्जी थी, जिसमें 21 फरवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन सुनवाई से एक दिन पहले इनकम टैक्स के अफसरों ने बैंक शाखाओं में जाकर धमकी दी और डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से देकर 65.8 करोड़ वसूल लिए।”
उन्होनें कहा, “राजनीतिक पार्टियां इनकम टैक्स से मुक्त होती हैं। क्योंकि पार्टी के पास जो पैसा आता है वह देश में लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए आता है, यह किसी भी प्रकार की आय नहीं है। क्या BJP ने कभी भी इनकम टैक्स दिया है? अगर कांग्रेस पार्टी से इनकम टैक्स लिया जा रहा है तो BJP से क्यों नहीं लिया जा रहा है।”
माकन ने कहा, “कांग्रेस को 2018-19 में 142.83 करोड़ रुपये का चंदा मिला। इसमें से सिर्फ 14.49 लाख रुपये हमारे विधायकों और सांसदों की एक महीने की सैलरी से मिले थे। ये 14 लाख रुपये कैश में आने की वजह से हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी गई। हमें 31 दिसंबर तक अपने खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी थी, लेकिन हमने 2 फरवरी 2019 को दी। ऐसे में सारे पैसे पर यह पेनल्टी लगाई गई। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। अब 5 साल बाद सरकार और आयकर विभाग जागा है, जब चुनाव सिर पर हैं। ये कहां का न्याय है? ये कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से तोड़ने की कोशिश है ताकि हम लोग चुनाव न लड़ पाएं। अगर हमारे खाते फ्रीज हो जाएंगे तो हम चुनाव कैसे लड़ेंगे, प्रचार कैसे करेंगे?”
वहीं कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, “उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नोटबंदी कर दी गई थी। क्योंकि मोदी सरकार चाहती थी कि पार्टियां चुनाव न लड़ पाएं। ठीक उसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों पर ‘कर हमला’ किया गया है। इसका एक ही मकसद है- कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया जाए, ताकि हम चुनाव न लड़ पाएं।”
कांग्रेस ने बकाया टैक्स की वसूली के खिलाफ आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) का रुख किया है।
बता दें कि आयकर विभाग ने हाल ही में कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज कर दिए और 210 करोड़ रुपये की वसूली की मांग की। हालाँकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने बाद में मुकदमा लंबित रहने तक खातों को डी-फ्रोज़ कर दिया।
बुधवार को आयकर विभाग ने कोर्ट को बताया कि कांग्रेस ने नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए उसके साथ सामान्य करदाता की तरह व्यवहार किया जा रहा है। इसमें यह भी कहा गया कि पार्टी झूठी कहानी गढ़ने का प्रयास कर रही है कि “आम चुनाव से पहले उन्हें निशाना बनाया जा रहा है”।
पिछले हफ्ते कांग्रेस ने कहा था कि उसके पास अपने बिलों का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं क्योंकि आयकर विभाग ने मामूली आरोपों के कारण उसके खाते सील कर दिए हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, “सत्ता के नशे में चूर मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस – के खाते फ्रीज कर दिए हैं। यह भारत के लोकतंत्र पर गहरा हमला है।”