चीन ने अपने “मानक मानचित्र” का 2023 संस्करण जारी किया है जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को शामिल किया गया है। जबकि भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा देश का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।
सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने एक पोस्ट में कहा, “चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय द्वारा होस्ट की गई मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर लॉन्च किया गया। यह मानचित्र चीन और विश्व के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।”
The 2023 edition of China's standard map was officially released on Monday and launched on the website of the standard map service hosted by the Ministry of Natural Resources. This map is compiled based on the drawing method of national boundaries of China and various countries… pic.twitter.com/bmtriz2Yqe
— Global Times (@globaltimesnews) August 28, 2023
ग्लोबल टाइम्स द्वारा प्रदर्शित मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, और 1962 के युद्ध में उसके कब्जे वाले अक्साई चिन को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया है।
भारत ने चीन से बार-बार कहा है कि “अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा”।
मानचित्र में चीनी क्षेत्र के रूप में ताइवान द्वीप और दक्षिण चीन सागर का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल है, जिस पर चीन ने अपना दावा किया है।
इस मसले पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, “प्रधानमंत्री को इस पर गौर करना चाहिए। वह हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में गए और चीनी प्रधानमंत्री से मुलाकात की। अब यह नक्शा सामने आया है। इसलिए, उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए। हमारा दिल टूटता है। राहुल गांधी ने जो कहा वह सच है कि चीन ने लद्दाख में अतिक्रमण किया है…चीन अरुणाचल प्रदेश में घुसने की कोशिश कर रहा है। अगर आपमें हिम्मत है तो चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करें…”
#WATCH | On China releasing a new 'official map', laying territorial claim on the entire Arunachal Pradesh and Aksai Chin, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "…PM should look into this. He went to the BRICS Summit recently and met the Chinese Premier. Now this map has come… pic.twitter.com/6JihlFE1cK
— ANI (@ANI) August 29, 2023
वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि, ”चीनी दावे की बेतुकी बात भारत-चीन सीमा विवाद के इतिहास से स्पष्ट होती है। आज, भारत और चीन के बीच असली मुद्दा यह है कि चीनियों ने कई जगहों पर एलएसी का उल्लंघन किया है। इन परिस्थितियों में सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या दिल्ली में एक व्यक्ति – शी जिनपिंग – को शोभा देना भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा, जिसने 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है? इसे खाली करने की जरूरत है… संक्षेप में कहें तो, चीनी मानचित्र बेतुके हैं, वे चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास के साथ मेल नहीं खाते हैं, चीन का अरुणाचल प्रदेश पर कोई दावा नहीं है।”
#WATCH | On China releasing new official map, laying territorial claim on the entire Arunachal Pradesh and Aksai Chin, Congress MP Manish Tewari says, "The absurdity & preposterousness of the Chinese claim is evidenced by the history of the Sino-Indian border dispute…Today, the… pic.twitter.com/YO1E4rjqTR
— ANI (@ANI) August 29, 2023
मालूम हो कि चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है और मुख्य भूमि के साथ इसका एकीकरण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संकल्पित उद्देश्य का हिस्सा है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान दक्षिण चीन सागर क्षेत्रों पर प्रतिदावा करते हैं।