शिवसेना सांसद और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने राज्य की कल्याण-डोंबिवली इकाई में भाजपा नेताओं की आलोचना की और कहा कि कुछ ऐसे हैं जो स्वार्थी राजनीति में लिप्त हैं। उनकी यह टिप्पणी स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों में एकनाथ शिंदे की शिवसेना को समर्थन नहीं देने का प्रस्ताव पारित करने के एक दिन बाद आई है।
Maharashtra CM Eknath Shinde’s son Dr Shrikant Shinde who is Kalyan Dombivali Lok Sabha MP offers his resignation if BJP wants…. He says BJP should not fight on trifle issue …he is ready to sacrifice his seat…wants to
Make Narendra Modi again as a PM pic.twitter.com/PI4hHbBp13— Sudhir Suryawanshi (@ss_suryawanshi) June 9, 2023
यह प्रस्ताव भाजपा के कैबिनेट मंत्री रवींद्र चव्हाण की उपस्थिति में श्रीकांत के कल्याण निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित एक बैठक के दौरान किया गया था। महाराष्ट्र में गठबंधन करने वाली दोनों पार्टियों के बीच दरार की वजह भाजपा के डोंबिवली पूर्वी मंडल के अध्यक्ष नंदू जोशी के खिलाफ दर्ज छेड़छाड़ का मामला माना जा रहा है। स्थानीय भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि जोशी को शिवसेना नेताओं ने राजनीतिक बदला लेने के लिए फंसाया था।
प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, श्रीकांत शिंदे ने कहा कि पार्टी 2024 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को बहाल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा, “हम इसके लिए कड़ी मेहनत करेंगे। लेकिन, कुछ तुच्छ कारणों से डोंबिवली में कुछ नेताओं द्वारा शिवसेना-भाजपा गठबंधन में स्वार्थ की राजनीति जारी रखी जा रही है।”
शिवसेना सांसद ने यह भी कहा कि वह किसी पद की आकांक्षा नहीं रखते हैं और यह गठबंधन के वरिष्ठ नेता हैं जो इस बात का फैसला करेंगे कि आगामी लोकसभा चुनाव में किसे नामित किया जाए। श्रीकांत शिंदे ने कहा, “भले ही मुझे नामांकित नहीं किया गया हो, हम सर्वसम्मति से जो भी उम्मीदवार होगा उसके लिए प्रचार करेंगे और उसे जिताएंगे।”
श्रीकांत शिंदे ने हालांकि स्पष्ट किया कि दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच कोई गलतफहमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना का लक्ष्य केंद्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन और गठबंधन की सरकार बनाना है। उन्होंने कहा, “अगर कोई इस दिशा में हमारे द्वारा किए जा रहे काम का विरोध करता है, अगर कोई नाराज होता है और अगर गठबंधन में कोई बाधा आती है तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।”
बता दें कि एकनाथ शिंदे द्वारा ये घोषणा किए जाने कि, दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों सहित राज्य में आगामी सभी चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेंगी, के कुछ ही दिनों बाद शिवसेना और भाजपा के बीच दरार आ गई है। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी।