प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में मध्य प्रदेश के इंदौर में पांच आवासीय परिसरों और मुंबई से बाहर स्थित एक शेल इकाई सहित छह स्थानों पर कई तलाशी ली हैं। ईडी द्वारा दीपक जैन मड्डा और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इंदौर में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर, ईडी ने दीपक जैन मड्डा द्वारा अन्य बिल्डरों और डेवलपर्स के साथ मिलीभगत करके आवासीय सहकारी समितियों की भूमि की अवैध बिक्री और हस्तांतरण की जांच शुरू की।
तलाशी अभियान के दौरान ईडी के अधिकारियों ने 91.21 लाख रुपये की नकद राशि की खोज की और जब्त की, साथ ही 250 करोड़ रुपये (लगभग) से अधिक मूल्य की अवैध रूप से अर्जित अचल संपत्तियों के विवरण के साथ-साथ विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
इस मामले की संक्षिप्त कार्यप्रणाली यह है कि आरोपी लोगों ने अवैध रूप से इंदौर में स्थित सहकारी समितियों की सैकड़ों एकड़ प्रमुख भूमि को बेच दिया और हस्तांतरित कर दिया।
इन जमीनों को मूल रूप से आवास सहकारी समितियों द्वारा अपने सदस्यों को आवास भूखंड आवंटित करने के लिए अधिग्रहित किया गया था। अभी तक कई सोसायटियों से जुड़ी इन जमीनों का बाजार मूल्य एक हजार करोड़ रुपये से अधिक आंका जा रहा है। इन जमीनों को अवैध रूप से विभिन्न लोगों को बेच दिया गया था, जिससे हाउसिंग सोसाइटी को भारी नुकसान हुआ और इस तरह इसके सदस्य भूखंडों के अपने सही स्वामित्व से वंचित हो गए।
ईडी ने यह भी खुलासा किया कि चल संपत्ति, जैसे बैंक खातों आदि को दूर करके हाउसिंग सोसाइटी को धोखा देने के कई प्रयास किए गए थे। आगे की जांच चल रही है।