प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात और वार्ता की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यूक्रेन में चल रहा युद्ध पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा मुद्दा है। पूरे विश्व पर इसके अनेक प्रकार के प्रभाव भी पड़े हैं। मैं इसे राजनीति का मुद्दा नहीं मानता, मेरे लिए ये मानवता का मुद्दा है…इसके समाधान के लिए भारत और निजी रूप से मैं स्वयं, हमसे जो कुछ भी हो सकता है हम अवश्य करेंगे।” पिछले साल शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।
PM @narendramodi held talks with President @ZelenskyyUa during the G-7 Summit in Hiroshima. pic.twitter.com/tEk3hWku7a
— PMO India (@PMOIndia) May 20, 2023
भारत और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिकों के बीच विचार-विमर्श की एक श्रृंखला के बाद मोदी और ज़ेलेंस्की के बीच यह बैठक निर्धारित की गई थी।
#WATCH | Japan: Prime Minister Narendra Modi meets Ukrainian President Volodymyr Zelensky in Hiroshima, for the first time since the Russia-Ukraine conflict, says, "Ukraine war is a big issue in the world. I don't consider it to be just an issue of economy, politics, for me, it… pic.twitter.com/SYCGWwhZcb
— ANI (@ANI) May 20, 2023
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान युद्ध के कारण बने हालात और शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयासों को लेकर चर्चा हुई है इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे।
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था। यह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमला शुरू होने के बाद किसी प्रमुख यूक्रेनी नेता की हिंदुस्तान की पहला दौरा था। झापरोवा ने इस दौरान विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को एक पत्र सौंपा था. यह चिट्ठी जेलेंस्की ने पीएम मोदी के नाम लिखा था।
पीएम मोदी अपने तीन देशों के दौरे के पहले चरण में जी7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे। जी7समूह के वर्तमान अध्यक्ष जापान के निमंत्रण के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति भी जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव ने कहा था कि ज़ेलेंस्की शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा, “हमें यकीन था कि हमारे राष्ट्रपति वहां होंगे जहां यूक्रेन को दुनिया के किसी भी हिस्से में उनकी जरूरत होगी, ताकि हमारे देश की स्थिरता के मुद्दे को हल किया जा सके।” डेनिलोव ने कहा था, “वहां बहुत महत्वपूर्ण मामलों का फैसला किया जाएगा, इसलिए भौतिक उपस्थिति हमारे हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।”
जब से यूक्रेन संघर्ष शुरू हुआ है, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ ज़ेलेंस्की से कई बार बात की है। पिछले साल 4 अक्टूबर को ज़ेलेंस्की के साथ एक फोन पर बातचीत में, मोदी ने कहा कि “कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता” और भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है। बता दें कि भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है. इसने हमेशा कहा है कि वार्ता और कूटनीति के जरिये इस संकट का समाधान निकाला जाना चाहिए।
G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। समूह की वर्तमान अध्यक्ष जापान ने भारत और सात अन्य देशों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। सभी G7 देश भी G20 समूह के सदस्य हैं। भारत G20 की अध्यक्षता संभाल रहा है। भारत सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन में एक संयुक्त विज्ञप्ति के लिए आम सहमति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। जी20 में रूस और चीन भी शामिल हैं।