कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद को अगले दो वर्षों के लिए अगले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। शीर्ष पुलिस अधिकारी के नाम को एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा अंतिम रूप दिया गया था जिसमें प्रधान मंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल थे। कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी, प्रवीण सूद वर्तमान CBI प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल से 25 मई को पदभार ग्रहण करेंगे।
Praveen Sood, appointed as Director, CBI. pic.twitter.com/PX6Fq40OKW
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) May 14, 2023
सीबीआई निदेशक का चयन दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए प्रधान मंत्री, सीजेआई और लोकसभा में विपक्ष के नेता की एक समिति द्वारा किया जाता है। हालांकि कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। खबर है कि अधीर रंजन चौधरी ने प्रवीण सूद की नियुक्ति को लेकर आपत्ति जताई है।
सूद की नियुक्ति उच्च स्तरीय समिति द्वारा सीबीआई निदेशक के पद के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट करने के बाद हुई है।
प्रवीण सूद का कानून प्रवर्तन में एक व्यापक कैरियर है और उन्होंने अपनी सेवा के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। 1964 में जन्मे, सूद ने IIT दिल्ली से स्नातक किया और 1986 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हुए। उन्होंने 1989 में मैसूर में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्होंने बेंगलुरु में पुलिस उपायुक्त (DCP) के रूप में तैनात होने से पहले पुलिस अधीक्षक, बेल्लारी और रायचूर के रूप में कार्य किया। प्रवीण सूद 2004 से 2007 तक मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त पद पर भी रहे। अपने कार्यकाल के दौरान वह पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ ऑपरेशन चला चुके हैं। बाद में 2011 तक उन्होंने बेंगलुरु की ट्रैफिक पुलिस में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया।
प्रवीण सूद को 1996 में सेवा में उत्कृष्टता के लिए मुख्यमंत्री के स्वर्ण पदक, 2002 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। 2013-14 में प्रवीण सूद ने कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार संभाला और टर्नओवर बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
मालूम हो कि इसी साल मार्च में कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने डीजीपी प्रवीण सूद को “नालायक” कहा था और कहा था कि उनकी पार्टी के प्रदेश में सत्ता में आने पर सूद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीके शिवकुमार ने कहा था कि डीजीपी राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पक्ष ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि जब सूद कर्नाटक पुलिस के प्रभारी थे, तब कांग्रेस नेताओं के खिलाफ लगभग 25 मामले दर्ज किए गए, लेकिन भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।