जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की उत्तर प्रदेश पुलिस और मीडिया की उपस्थिति में नाटकीय हत्या को लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने इस हत्या को लेकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है। समाचार चैनलों द्वारा चलाई गई लाइव शूटिंग के फुटेज ने मौके पर मौजूद यूपी पुलिस की टीम की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि “उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।”
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, “मैं उत्तर प्रदेश में बेशर्म अराजकता और कानून-व्यवस्था के पूरी तरह चरमरा जाने से स्तब्ध हूं। यह शर्मनाक है कि अपराधी अब पुलिस और मीडिया की मौजूदगी से बेफिक्र होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में इस तरह के गैरकानूनी कृत्यों का कोई स्थान नहीं है”।
I am shocked by the brazen anarchy and total collapse of law & order in Uttar Pradesh.
It is shameful that perpetrators are now taking the law in their own hands, unfazed by the police and media presence.
Such unlawful acts have no place in our constitutional democracy.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 16, 2023
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पुलिस हिरासत में अतीक और अशरफ की सरेआम हत्या उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
उन्होंने ट्वीट किया- “गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर। वैसे भी उत्तर प्रदेश में ’’कानून द्वारा कानून के राज’’ के बजाय, अब इसका इण्काउण्टर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात”।
1. गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।
— Mayawati (@Mayawati) April 16, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश का संविधान आजादी के लिए लड़ने वाले लोगों ने बनाया है। इस संविधान को सर्वोच्च स्थान मिला है और किसी को भी इसके साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
उन्होंने ट्वीट किया- “देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आज़ादी के लिए लड़े थे। हमारा इसी संविधान और क़ानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है। अपराधी की सजा का फ़ैसले का अधिकार न्यायपालिका का है। ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या क़ानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है। गोली-तंत्र और भीड़ तंत्र की वकालत करने वाले केवल संविधान को ध्वस्त करते हैं। समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाज़ी करता है,अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है। किसी भी मुजरिम को सख़्त से सख़्त सजा मिले,इसके लिए अदालतें हैं। क़ानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है”।
देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आज़ादी के लिए लड़े थे। हमारा इसी संविधान और क़ानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।
इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है।
अपराधी की सजा का फ़ैसले का अधिकार न्यायपालिका का है।
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— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 16, 2023
वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से जारी प्रेस बयान में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश ‘जंगलराज’ की चपेट में है। यहां कानून और संविधान का राज नहीं है। अपराध चरम पर पहुंच गया है। सड़कों पर सरेआम हत्याएं हो रही हैं। अपराधी बेखौफ हैं और उन्हें सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है।”
यादव ने कहा, “पुलिस सुरक्षा में सुनियोजित तरीके से (दोनों की) हत्या सरकार की नाकामी है। जब पुलिस हिरासत में कोई मारा जा सकता है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम जनता कितनी सुरक्षित है।”
बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाते समय शनिवार रात अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लवलेश तिवारी, सनी और अरुण कुमार मौर्य के रूप में पहचाने गए तीन आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। इन तीनों ने पुलिस की पूछताछ में अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है। उन्हें रविवार को अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।